बूंदीPublished: Jun 20, 2021 08:30:29 pm
पंकज जोशी
मेज नदी में बाढ़ के दौरान कई दिनों तक ठप रहने वाली पेयजल आपूर्ति का संकट खत्म करने के लिए नदी किनारे बनवाया जा रहा इंटेकवेल बरसात से पूर्व पूरा हो सकता है।
बरसात से पहले पूरा होगा इंटेकवेल
बरसात से पहले पूरा होगा इंटेकवेल
मेज नदी किनारे बन रहे इंटेकवेल का मामला
लाखेरी. मेज नदी में बाढ़ के दौरान कई दिनों तक ठप रहने वाली पेयजल आपूर्ति का संकट खत्म करने के लिए नदी किनारे बनवाया जा रहा इंटेकवेल बरसात से पूर्व पूरा हो सकता है। जानकारी के अनुसार इन दिनों इंटेक वेल की खुदाई पूरी हो चुकी है और 46 फीट गहरे इंटेकवेल के पेंदे से सीसी डालने का कार्य चल रहा है। 5-6 फीट सीसी डाली भी जा चुकी है। नदी से रिसकर इंटेकवेल में आ रहा पानी निर्माण गति को धीमे किए हुए है। फिर भी विभागीय अधिकारी पूरी मुस्तैदी से संवेदक से 14-16 घंटे शिफ्टों में काम करवा कर बरसात से पूर्व कार्य को पूर्ण करवाने की कोशिश कर रहे हैं। चंबल, कालीसिंध नदी में बरसात के दौरान आने वाली बाढ़ से मेज नदी में थौब लग जाती है और कभी कभी ये उल्टी भी बहने लग जाती है। इस दौरान पानी में व्यापक मात्रा में मिट्टी घुली हुई आ जाती है। नदी किनारे जलदाय विभाग द्वारा लगा रखे पंपसेटों को खोलना पड़ता है और घरेलू स्रोतों से ही रोटेशन के आधार पर कस्बे में पेयजल आपूर्ति हो पाती है और ऐसा कई दिनों तक होता है। जिससे लोग बरसात में भी शुद्ध पेयजल के लिए परेशान होते रहते हैं। इंटेकवेल पूरा होने के बाद कस्बे की पेयजल आपूर्ति बरसात में भी निर्बाध जारी रहेगी।
यह होगा निर्माण
जलदाय विभाग द्वारा करवाए जा रहे निर्माण के दौरान मेज नदी किनारे 50 फीट गहरा इंटेकवेल बनाया जाएगा, जो 46 फीट तो जमीन के अंदर व 7-8 फीट किनारे की सतह से ऊंचा रहेगा। नदी के पैंदे से जिसमें पानी आने की कैनाल भी बनाई जाएगी। जिसमें झाड़ झंखाड़ रोकने के लिए क्रॉस जालियां व स्लूज गेट लगेगा। कैनाल में मिट्टी को बाहर फैंकने के लिए मड पंप लगाया जाएगा व वेल से फिल्टर प्लांट तक पानी पहुंचाने के लिए एकवा वर्टिकल समरड पंप लगाए जाएंगे। जिससे वर्तमान में मिल रहे पानी से ज्यादा पानी पेयजल के लिए मिल सकेगा।
तय सीमा से पहले पूरा करेंगे
इंटेकवेल का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है। करीब 55 लाख रुपए की लागत से हो रहा निर्माण फरवरी में शुरू करवाया गया था और सितंबर तक पूरा करवाया जाना है। हमारी कोशिश रहेगी कि इसे 30 जून तक पूरा कर लिया जाए, ताकि आने वाले बरसात के सीजन में लोगों को पेयजल आपूर्ति में होने वाली बाधा से राहत मिल सके।
नंदकुमार, सहायक अभियंता