मेले में जिला प्रमुख ने समंवित कृषि प्रणाली अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ डेयरी, बकरी पालन से अतिरिक्त आमदनी के साथ परिवार के सदस्यों को रोजगार का अवसर मिलता है। जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों को परम्परागत खेती के अलावा जैविक खेती उद्यानिकी, फसलों की खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन कर व्यवसाय प्रारंभ करना चाहिए, ताकि सतत आमदनी मिलती रहे। इसके बाद अतिथियों ने मेले में प्रदर्शित प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।
मेले में तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. नाथूलाल मीणा अधिष्ठता ने पौध संरक्षण पर व्याख्यान दिया। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीलकमल व पशुपालन वैज्ञानिक डॉ.घनश्याम मीणा ने उन्नत पशुपालन, दुर्गालाल मौर्य, उपनिदेशक सब्जी उत्कृष्टता केंद्र ने हाइटेक सब्जी उत्पादन पर जानकारी दी। अग्रणी बैंक प्रबंधक अक्षय कुमार शर्मा ने बैंक से संबंधित किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। आत्मा के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले पचास किसानों को जिला एवं ब्लॉक स्तरीय पुरस्कार दिए। संचालन सहायक कृषि अधिकारी प्रदीप माथुर ने किया।
डॉ.हरीश वर्मा ने आभार जताया। इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार, उपनिदेशक कृषि विस्तार रमेशचंद जैन, उपनिदेशक एवं पदेन परियोजना निदेशक पांचू लाल मीणा आदि मौजूद रहे। मेले में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी हुआ। कृषि आदानों एवं उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई।