जिस पर जल स्तर ऊंचा करने के लिए ग्राम पंचायत बड़ानयागांव ने मेज नदी की पुरानी पुलिया पर एनिकट का निर्माण करवाया था। जिससे मेज नदी की पुलिया पर पानी भरा रहता है। ऐसे में जलदाय विभाग द्वारा हिण्डोली ,चतरगंज, मांगली खुर्द, मांगली कला, बड़ानया गांव ,अशोकनगर, चेता, बीचड़ी ,बरवास, कराड खेड़ी सहित कई गांव में जलापूर्ति की योजना तैयार की। वहां पर पाइप लाइन बिछाकर आसपास ट््यूबवेल लगाकर कस्बे सहित अन्य गांव को जलापूर्ति के लिए जोड़ा गया। ऐसे में 16 मार्च को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रोजेक्ट मैनेजर जेपी गुप्ता ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को पत्र भेजकर पुरानी पुलिया व एनिकट को तोडऩे को कहा है।
इसके जवाब में जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता अध्ययन व्यास ने पत्र लिखा है कि अशोक नगर स्थित मेज नदी की पुलिया से एक दर्जन गांव में जलापूर्ति हो रही है। यदि यह टूट गए तो कस्बे सहित आसपास के गांव में भीषण पेयजल संकट पैदा हो जाएगा। जल संसाधन विभाग व जलदाय विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि एनएचएआई द्वारा पुलिया निर्माण के दौरान जल संसाधन विभाग से एनओसी लेनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने अपने स्तर पर पुलिया का निर्माण करवा दिया। अब उनकी गलती छुपाने के लिए एनीकट को तोडकऱ गांव में पेयजल संकट पैदा करने की सोच रहे हैं।
अशोकनगर के पास मेज नदी पर स्टेट टाइम की बनी पुलिया व ग्राम पंचायत द्वारा बनाया गया एनिकट को एनएचएआई के अधिकारी जलदाय विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर तोडऩे की बात कह रहे हैं। यह किसी भी कीमत पर सहन नहीं होगा। जरुरत पड़ी तो मैं खुद मौके पर खड़ा रहूंगा।
अशोक चांदना, राज्यमंत्री व विधायक हिण्डोली।
जिला कलक्टर को भी पत्र लिखा है कि पुलिया यथावत रहे ताकि 35 हजार उपभोक्ताओं को पीने का पानी निर्बाध गति से मिल सके।
डीएन व्यास, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग बूंदी।