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वन्यजीव बढ़े, सुरक्षा घटी
तलवास वनक्षेत्र 42 हैक्टेयर में फैला हुआ है। वहीं आंतरदा व केमला वन क्षेत्र भी तलवास वन नाके के भरोसे ही है। तलवास वन चौकी पर मात्र दो वनकर्मी लगा रखे है, जो सुरक्षा के लिहाज से नाकाफी हैं। ग्रामीणों ने यहां पर्याप्त स्टाफ लगाने की मांग की है। विभाग के अनुसार वनक्षेत्र में पिछले वर्षों में पैंथर, भालू, जंगली सुअर, चीतल आदि की संख्या बढी है। इधर, रणथम्भौर से बाघ भी तलवास वनक्षेत्र में आते जाते रहते हैं।
वनक्षेत्र में हो वाटर प्वाइंट व सुरक्षा दीवार
तलवास वनक्षेत्र के बीच में बसा हुआ गांव है। यहा पर ऐतिहासिक रतन सागर झील साल भर पानी से लबालब रहती है। ऐसे में यहां वन्यजीवों का आना जाना रहता है। ऐसे में यहां सुरक्षा के लिए वनक्षेत्र में जगह जगह पर वाटर प्वाइंट व गांव के पास सुरक्षा दीवार निर्माण की जरूरत महसूस हो रही है।