सीइओ यह लिख चुके
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने 17 दिसम्बर 2021 को राज्य ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव को अवगत कराया गया कि परिवारों के आवेदन आवास सॉफ्ट पर अपलोड तो किए वरीयता सूची में प्रदर्शित नहीं हो रहे। जिले में 53 हजार 473 परिवार पंजीकृत किए थे, जिनमें से 41 हजार 752 परिवार तो प्रदर्शित हो गए थे। जबकि 11 हजार 721 परिवार प्रदर्शित होने सेे रह गए। जिनमें सबसे ज्यादा दस हजार 62 परिवार तो अेकेले नैनवां पंचायत समिति के हैं। हिण्डोली में 1072, केशवरायपाटन में 569, तालेड़ा में 13 व बूंदी में पांच परिवार प्रदर्शित नहीं हो रहे।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को लिख चुके
मुख्यमंत्री भी ढाई वर्ष पहले ही केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग मंत्री नरेन्द्र तोमर को पत्र लिख चुके। मुख्यमंत्री नेे 14 नवम्बर 2019 को को भेजे पत्र में लिखा कि राज्य में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन कराकर वंचित अतिरिक्त पात्र चिन्हिकरण की निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय क्रियान्वयन, निगरानी एवं समन्वयन समिति की बैठक पांच मार्च 2019 के अनुमोदन उपरांत ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र दिनांक 6 मार्च द्वारा चिन्हित 23 लाख 58 हजार परिवारों में से सात लाख 15 हजार परिवार आवास प्लस एप पर आपलोड होने से वंचित रह गए। शेष रहे सात लाख 15 हजार पात्र परिवारों को योजना के लाभा से वंचित किा जाना न्यायोचित नहीं।
अतिरिक्त सचिव को लिखा
राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव के.के. पाठक ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव को एक दिसम्बर 2021 को पत्र लिख चुके। पत्र में लिखा कि चिन्हित परिवारों का विवरण सात मार्च 2019 तक आवास प्लस एप पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए थे। इनमें से 16 लाख 42 हजार 657 परिवार ही अपलोड हो सके। जबकि सात लाख 15 हजार 140 परिवार शेष रह गए थे।
सरपंचों का महापड़ाव जारी
प्रधानमंत्री आवास योजना के सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी खामी के चलते नैनवां पंचायत समिति की 33 ग्राम पंचायतों के 10062 निर्धन परिवारों को पात्र होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के मामले को लेकर यहां पंचायत समिति क्षेत्र के सरपंचों का शुक्रवार को दूसरे दिन भी एसडीएम कार्यालय के बाहर महापड़ाव जारी रहा। सरपंच रामस्वरूप बिल्डर, रामलाल खींची, सत्य प्रकाश शर्मा ने बताया कि मजबूरन आंदोलन का रास्ता चुना।