यहां सरसों की फसल में फूल आ रहे थे, जो ओलों की मार के साथ ही गिर गए। इसका सीधा-सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। कुछ जगहों पर सब्जियों की फसलें जमींदोज हो गई। मटर की पौध टूट गई। अचानक आए इस कहर ने किसानों की कमर तोड़ दी। बूंदी शहर के निकट दलेलपुरा में आधा दर्जन परिवारों की झोंपडिय़ों से तिरपाल फट गए और चद्दर गिरकर टूट गए। इधर, ओलावृष्टि की सूचना पर कृषि महकमे के अधिकारी खेतों में पहुंचे जिन्होंने भी खराबा होने की बात स्वीकार की। शनिवार सुबह 8 बजे तक बीते 24 घंटों में बूंदी में 6, केशवरापाटन में 1, हिण्डोली में 6, नैनवां में 7, इन्द्रगढ़ में 1 एमएम बारिश दर्ज की गई।
वजनी थे ओले
ओले वजनी थे। सुबह दिन निकलने के बाद जब किसान खेतों में पहुंचे तो ओले नहीं गले थे। कुछ स्थानों पर तो ओलों के ढेर जमा दिखाई दिए।
पीडि़तों की जुबानी
मांगलीकलां के किसान शंकरलाल सैनी, मोहन लल सैनी, मांगली खुर्द के भीमराज सिंह सोलंकी, बरवास के प्रभुलाल मेघवाल, हीरालाल मेघवाल, फोरू लाल ने बताया कि ओलावृष्टि से मटर, पत्ता गोभी, टमाटर, मिर्ची, आलू व सरसों की फसल में अधिक खराबा हुआ। खराबा होने से काफी हद तक पैदावार प्रभावित होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
…तो नींद उड़ गई
बूंदी शहर में तडक़े चार बजे बाद ओले गिरे। ओलों की आवाज से कई लोगों की नींद उड़ गई। एडवोकेट नवैद केसर लखपति ने बताया कि ओले वजनी थी। ओलों की मार से पेड़ों की पत्तियां टूट गई। कई पक्षी काल का ग्रास बन गए। पानी सडक़ों पर बह निकला। पानी इतना था कि पुलिस लाइन के करीब नाले की पुलिया के ऊपर से पानी निकल गया।
मटर की फसल 55 फीसदी तक हुई खराब
कृषि विभाग के प्रारंभिक सर्वे में खुलासा
हिण्डोली. क्षेत्र के दर्जनों गांवों में हुई ओलावृष्टि से सर्वाधिक नुकसान मटर की फसल को हुआ। यहां मटर में 10 से 55 फीसदी नुकसान हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मटर के पौधे टूट गए। कई पौधे जमींदोज हो गए। सहायक कृषि अधिकारी बाबूलाल मीणा ने बताया कि हिण्डोली क्षेत्र में प्रभावित क्षेत्र 3041 हेक्टेयर गेहूं की फसल 10 से 35 फीसदी, 276 हैक्टेयर जौ 10 से 35 फीसदी, 274 हेक्टेयर चना 5 से 30 फीसदी, 500 हैक्टेयर मटर 10 से 55 फीसदी, 103 हैक्टेयर मसूर 10 से 30 फीसदी, 3724 हैक्टेयर सरसों 5 से 30 फीसदी ओलावृष्टि से प्रभावित हुई। नैनवां क्षेत्र में 1628 हैक्टेयर चना 10 से 15 फीसदी, 393 हैक्टेयर मसूर, 20 से 30 फीसदी, 10088 हैक्टेयर सरसों 20 फीसदी प्रभावित हुई।
इसके अलावा हिण्डोली में अन्य फसलें सब्जियां 350 हैक्टेयर 40 फीसदी प्रभावित हुई। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट जिला प्रशासन व विभाग के उच्च अधिकारियों को भिजवा दी गई।
जिले में हुई ओलावृष्टि से 10 से 15 प्रतिशत खराबा हुआ। सबसे ज्यादा मांगली, गुढ़ा बांध क्षेत्र में हुआ। मटर, टमाटम, मिर्ची आदि सब्जियों में ज्यादा नुकसान हुआ। जिस किसान ने फसल का बीमा कराया और फसल का नुकसान हो गया तो वह तुरंत बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर, संबंधित बैंक या कृषि विभाग के कार्यालय में सूचना दें।
रमेशचंद जैन, उपनिदेशक कृषि विस्तार, बूंदी
राज्य के मुख्यमंत्री हिण्डोली क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि से खराब फसल का सर्वे कराकर तत्काल प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिलाएं। किसानों ने खून-पसीने की कमाई से फसल को खड़ा किया था। ओलावृष्टि के चलते फसल खराब हो गई। सभी पीडि़त किसानों को सरकार मुआवजा दें।
प्रभुलाल सैनी, पूर्व कृषि मंत्री
जिला प्रशासन को सर्वे के आदेश दे दिए। जिला कलक्टर व अन्य अधिकारियों को हिण्डोली क्षेत्र में ओलावृष्टि से खराब खराबे का सर्वे करवाने पत्र लिखकर गया। ताकि किसानों को समय पर मुआवजा मिल सके।
अशोक चांदना, खेल राज्यमंत्री