बूंदीPublished: May 31, 2020 09:44:49 am
Narendra Agarwal
बूंदी पंचायत समिति की कई पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों को छाया-पानी के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लोगों को तेज गर्मी में कार्य करना पड़ रहा है।
गर्म हवा के थपेड़ों के बीच कार्य करने को मजबूर श्रमिक
रामगंजबालाजी. बूंदी पंचायत समिति की कई पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों को छाया-पानी के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लोगों को तेज गर्मी में कार्य करना पड़ रहा है। सुबह 8 बजे ग्राम पंचायतों में एक दर्जन जगह पर स्थिति देखी तो यह बात सामने आई। कार्यस्थलों पर ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है और ना ही उन्हें मेडिकल, पानी, छाया उपलब्ध है। अधिकतर जगहों पर 10 बजे के बाद श्रमिक पेड़ों की छांव के नीचे समय बिताते नजर आए। श्रमिकों की माने तो मेटो द्वारा दिए जाने वाले कार्य की टास्क को वो 10 बजे से पहले पूरा करके बैठ जाते हैं। उसके बाद में मजबूरन पेड़ों की छाया में एकत्रित होकर बैठना पड़ रहा है। दौलाड़ा पंचायत में मथुरालाल मेघवाल के बाड़े से देवजी की डोली तक कार्य में लगे 146 श्रमिकों में से 134 श्रमिक सुबह 8 बजे कार्य करते हुए पाए गए। जहां पर कुछ श्रमिक मेट से कार्य करने को लेकर बहस करते नजर आए। उसके बाद 8.30 बजे लालपुरा पंचायत के बागदा गांव में लड्डू लाल के खेत से रामस्वरूप जाट तक ड्रेन सफाई कार्य में लगे श्रमिक सडक़ किनारे पेड़ों की छांव में बैठे नजर आए। श्रमिकों ने बताया कि यहां पर पानी पीने के लिए उन्हें 1 किलोमीटर दूर नहर के किनारे हैण्डपंप से पानी लाना पड़ रहा है। इसी प्रकार यहां दूसरी मस्टररोल में धोरा सफाई कार्य में 72 श्रमिक कार्यस्थल पर दूर तक बैठे नजर आए। बम्बोरी पंचायत में खेल मैदान विकास कार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत 48 में से 40 श्रमिक मौके पर 9.27 पर खाना खाने के लिए आसपास पेड़ों की छांव टटोलते नजर आए। ऐसी ही स्थिति अन्य जगहों पर भी देखने को मिली। मेटो ने बताया कि श्रमिकों को दी जाने वाली टास्क का कार्य सुबह 10 बजे तक पूरा कर लेते हैं। उसके बाद यहां पर 3 घंटे तक लू के थपेड़ों में इनको संभालना चुनौती साबित हो रहा है। इस मामले को लेकर व वर्तमान तापमान को देखते हुए अधिकतर जगहों पर मेटों ने ग्राम विकास अधिकारी व कनिष्ठ तकनीकी सहायकों से समय परिवर्तन करवाने की मांग की है। मनरेगा सहायक कार्यक्रम अधिकारी सचिन जैन ने बताया कि पंचायतों को टैंट उपलब्ध करा रखे हैं। पेयजल के लिए अपने स्तर पर पंचायतों को व्यवस्था करनी है। जहां मेडिकल किट नहीं है, वहां उपलब्ध करा दिए जाएंगे।