बूंदीPublished: Jun 14, 2021 10:22:06 pm
पंकज जोशी
सुबह साढ़े पांच बजे का समय…एक दर्जन से अधिक युवा हाइवे पर दौड़ते नजर आते हैं। आजकल ऐसा नजारा अलसुबह रोजाना राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी जजावर में देखा जा सकता है। आगामी दिनों में कोटा में होने वाली सेना भर्ती रैली के लिए जजावर कस्बे सहित आसपास क्षेत्र के युवा पसीना बहा रहे हैं, लेकिन ट्रेक नहीं होने के कारण हाइवे पर दौड़ लगाना मजबूरी बना हुआ है।
यहां भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के सामने यह आई सबसे बड़ी समस्या..जानें क्या चाहते हैं युवा
यहां भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के सामने यह आई सबसे बड़ी समस्या..जानें क्या चाहते हैं युवा
जजावर. सुबह साढ़े पांच बजे का समय…एक दर्जन से अधिक युवा हाइवे पर दौड़ते नजर आते हैं। आजकल ऐसा नजारा अलसुबह रोजाना राष्ट्रीय राजमार्ग 148 डी जजावर में देखा जा सकता है। आगामी दिनों में कोटा में होने वाली सेना भर्ती रैली के लिए जजावर कस्बे सहित आसपास क्षेत्र के युवा पसीना बहा रहे हैं, लेकिन ट्रेक नहीं होने के कारण हाइवे पर दौड़ लगाना मजबूरी बना हुआ है।
व्यायाम-कसरत के लिए भी सड़क
युवाओं ने बताया कि व्यायाम, कसरत भी सड़क पर कर रहे हैं। यहां कसरत के लिए भी कोई जगह उपलब्ध नहीं है। इसके चलते सड़क पर ही व्यायाम करना पड़ रहा है।
सेना भर्ती आते ही शुरू किया अभ्यास
हाल ही में भारतीय सेना कोटा ए आरओ भर्ती के लिए रजिस्टे्रशन शुरू किए जा चुके हैं, जिसको लेकर युवाओं में उत्साह बना हुआ। इनमें अधिकांश युवा वो हैं जो फिलहाल भर्ती की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन खेल मैदान व ट्रेक के अभाव से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यह कहते हैं युवा
तैयारी कर रहे युवा अंकित नागर, आशुतोष नागर, मोनू नागर, जॉनी नागर, हरिराम गुर्जर, गणेश कुमार शर्मा, अजय सिंह, कालू लाल नागर,राजू नागर आदि ने बताया कि ग्राम पंचायत क्षेत्र में तैयारी व खेलकूद के लिए जगह कहीं उपलब्ध नहीं है। इस कारण अभ्यास के लिए हाइवे की सडक़ को ट्रेक बनाया है। फिलहाल सेना भर्ती के लिए रजिस्टे्रशन किए जा रहे है, लेकिन तैयारी में कई परेशानियां आ रही है।
आवंटित भूमि पर स्टे
2008 में ग्राम एकीकृत स्टेडियम जजावर के नाम से खेल मैदान के लिए भूमि आवंटित हुई थी। 8 मार्च 2018 को तहसीलदार के आदेशानुसार भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया गया, लेकिन भूमि पर कोर्ट का स्टे लग गया। खेल मैदान को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि ने भी काफी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट प्रक्रिया में जाने के बाद खेल मैदान का रास्ता साफ नहीं हो पाया है।