बूंदीPublished: Jul 05, 2020 11:37:10 am
Narendra Agarwal
क्षेत्र के किसानों, स्थानीय व्यापारियों एव जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों की वर्षों पुरानी मांग के बाद राज्य सरकार द्वारा कस्बे की गौण कृषि उपज मंडी को फरवरी माह में पूर्ण मंडी का दर्जा तो दिया गया .
पूर्ण मंडी का मिला दर्जा, नहीं बढ़ी सुविधा
कापरेन. क्षेत्र के किसानों, स्थानीय व्यापारियों एव जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों की वर्षों पुरानी मांग के बाद राज्य सरकार द्वारा कस्बे की गौण कृषि उपज मंडी को फरवरी माह में पूर्ण मंडी का दर्जा तो दिया गया, लेकिन उसके चार माह बाद भी स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से विकास को गति नहीं मिल पाई है।
कृषि उपज मंडी को पूर्ण मंडी बने करीब चार माह गुजर चुका है, लेकिन यहां की व्यवस्थाओं में कोई परिवर्तन नजर नहीं आया। पूर्ण मंडी होने के बावजूद मंडी में कोई सरकारी कर्मचारी नियुक्त नहीं होने से सारी व्यवस्थाएं संविदाकर्मियों के भरोसे चल रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी व स्थाई कर्मचारियों के अभाव में मंडी में कई विकास कार्य अटके हुए हैं। किसानों के लिए सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। वहीं मंडी की व्यवस्थाएं भी प्रभावित रहती हैं।
पूर्व मंडी समिति डॉयरेक्टर बाबूलाल गोयल, पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष अशोक मीणा, पूर्व मंडी व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश गर्ग किसान नेता सन्तोष दुबे आदि ने बताया कि पूर्ण मंडी का दर्जा मिलने के बाद से कस्बे की मंडी में विकास कार्य होने, स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति एवं किसानों के लिए सुविधाओं में विस्तार होने की उम्मीद थी, लेकिन चार माह में भी यहां स्थाई रूप से अधिकारी एवं कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पाई हैं। कापरेन कृषि उपज मंडी परिसर में बना कार्यालय