बूंदीPublished: May 12, 2021 08:41:39 pm
पंकज जोशी
पिछले साल के बाद इस साल भी लॉकडाउन की वजह से जिलें में दूध की खपत पर बड़ा असर पड़ा है। कोरोना के चलते जिले में दूध की खपत लगभग आधी रह गई है। जिसके परिणामस्वरूप डेयरी कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ा है।
कोरोना का असर: लॉकडाउन से दूध की खपत हुई आधी, गिरे दाम
कोरोना का असर: लॉकडाउन से दूध की खपत हुई आधी, गिरे दाम
दूध के भाव में लगातार गिरावट से पशुपालकों में चिंता
पशुआहार के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी
जजावर. पिछले साल के बाद इस साल भी लॉकडाउन की वजह से जिलें में दूध की खपत पर बड़ा असर पड़ा है। कोरोना के चलते जिले में दूध की खपत लगभग आधी रह गई है। जिसके परिणामस्वरूप डेयरी कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ा है। जानकारी के मुताबिक जिलें में 480 उत्पादक सहकारी समितियां है। जिनसे 40 हजार से अधिक पशुपालक जुड़े हुए हैं। मार्च महीने की शुरुआत में करीब 90 हजार लीटर दूध की रोजाना बिक्री हुआ करती थी, लेकिन अब यह घटकर 40 से 45 लाख लीटर के करीब पहुंच गई है। इसकी बड़ी वजह शादियों का सिमटना, हलवाई व चाय सरीखी दुकानों का बंद होना है। जिससे अब डेयरी के सामने पशुपालकों को समय पर दूध का भुगतान करने जैसी समस्या पैदा हो गई है।
इस तरह गिरते गए दूध के भाव
दूध डेयरी से जुड़े कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले 7 रुपए फेट के हिसाब से दर मिलती थी, जो घटकर 11 अप्रेल को 6.70 रुपए हो गई। उसके 10 दिन बाद ही 30 पैसे घट गए। 1 मई से फेट के अनुसार मिलने वाली राशि घटकर 6.10 रुपए ही रह गई। वर्तमान में यह राशि केवल 5.60 रुपए ही रह गई।
पशुपालकों के लिए चिंता का विषय
पशुपालक पदम सिंह, दिलराज सिंह, मोहन लाल धाकड़, सूरजमल गुर्जर, कल्याण माली आदि ने बताया कि पशु आहार खल का 40 किलो का बैग पहले एक हजार रुपए में आता था। वो अब 1400 रुपए से ऊपर ही मिल रहा है। वहीं काकड़ा का बैग 1200 रुपए का मिलता था । वो अब 1600 रुपए से अधिक मिल रहा है। ऐसे में महंगाई तो बढ़ गई, लेकिन दूध के भाव नहीं मिलने से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बीएमसी का चिलिंग चार्ज भी घटा
बीएमसी संचालकों ने बताया कि पहले बीएमसी चिलिंग चार्ज 53 पैसे मिलता था, लेकिन हाल के ही दिनों में घटकर 15 से 35 पैसा ही रह गया है।
हाड़ौती के पशुपालकों को ही कम रेट क्यों?
डेयरी संचालकों की माने तो भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौडगढ़़ सहित कई जिलों में दूध की फेट रेट साढ़े 6 रुपए के करीब मिल रही हैं। जबकि हाड़ौती के पशुपालकों को दूध की रेट 5.60 रुपए फेट के हिसाब से मिल रहा है।
कोरोना काल में दूध के मूल्यों में भारी कटौती देखने को मिली है। डेयरी संचालकों को खपत में कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पशुपालकों को दूध की उचित दर नहीं मिल पा रही है। जिससे पशुपालक चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
दीपा गुर्जर, चैयरमैन, जजावर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति