…तो करोड़पतियों की बढ़ जाती है प्रबल दावेदारी
कहा जाता है कि चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों में से जो प्रत्याशी अधिक पैसे वाला है उसके जीतने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। यानी चुनावी मैदान में उतरने वाला जो प्रत्याशी जितना धनी उसके शहरी सरकार के सदन तक जाने की उतनी ही प्रबल संभावना होगी। यह स्थिति किसी एक दल विशेष की नहीं बल्कि सभी दलों में कमोबेश ऐसा ही है। हर दल में करोड़पति उम्मीदवारों का ग्राफ निरंतर बढ़ता ही जा रहा है।
सोशल मीडिया बना प्रचार-प्रसार का जरिया
चुनावों के दौरान सोशल मीडिया भी प्रत्याशियों के लिए चुनावी प्रचार-प्रसार करने का फंडा बना हुआ है। बड़े-बड़े चुनावों की तर्ज पर नगर निकाय चुनावों में भी ऑटो व मोबाइल पर फोन के जरिए लोगों को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
प्रत्याशियों की सम्पत्ति का विवरण
सम्पत्ति संख्या
हजार 38
लखपति 157
करोड़पति 12
शून्य 02