बूंदीPublished: Mar 20, 2020 12:58:46 pm
Narendra Agarwal
हिण्डोली पंचायत समिति की बडग़ांव ग्राम पंचायत के सुहरी गांव की नैनवां में अपनी बहन के पास रह रही पचास वर्षीय मूक बधिर धापू बाई की जिदंगी की डगर से कठिनाइयां दूर होने का नाम नहीं ले
मूक बधिर पेंशन के लिए काट रही चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई
नैनवां. हिण्डोली पंचायत समिति की बडग़ांव ग्राम पंचायत के सुहरी गांव की नैनवां में अपनी बहन के पास रह रही पचास वर्षीय मूक बधिर धापू बाई की जिदंगी की डगर से कठिनाइयां दूर होने का नाम नहीं ले रही। बेसहारा धापूबाई के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना में मिलने वाली पेंशन ही सहारा थी, जिसे भी बंद कर दिया।
20 मई 1997 को आजीवन सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृति के आदेश जारी हुए थे। भौतिक सत्यापन में उसे दूसरे प्रदेश में जाना बताकर 17 अगस्त 2016 को पेंशन बंद कर दी। उसके हर वर्ष जीवित होने का प्रमाण पत्र पेश करने के बाद भी हिण्डोली पंचायत समिति ने चार वर्ष पहले बंद की पेंशन को चालू नहीं किया। परिवार में कोई नहीं बचा तो ***** उसे अपने यहां ले आई। हिण्डोली पंचायत समिति ने चार वर्ष पहले उसे आउट ऑफ स्टेट चले जाने का नोट लगाकर उसको मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेन्शन ही बंद कर दी। बंद की पेंशन चालू करवाने के लिए पंचायत समिति कार्यालय के चक्कर काट-काटकर थक गई, लेकिन पेंशन चालू नहीं की जा रही। जन्म से ही मूक बधिर होने से अपना दु:खड़ा बताने के लिए मुंह से बोल नहीं निकल पाती, कोई परेशानी जानने के लिए बात करे तो कानों से कुछ सुन नहीं पाती। उसके इशारों को समझने वाले माता-पिता भी सात वर्ष पहले चल बसे।
बड़ी ***** नन्दूबाई ने बताया कि धापू दो वर्ष की थी तब ही उसका विवाह कर दिया था। उसने एक दिन भी ससुराल में नहीं बिताया और मूक बधिर होने से उसे पति ने छोड़ दिया तो वह माता-पिता के पास ही रह रही थी। सात वर्ष पहले माता-पिता भी चल बसे।
धापूबाई की पेंशन स्वीकृति का रिकार्ड देख लिया। भामाशाह कार्ड बनाकर पेश करते ही पेंशन चालू करवा दी जाएगी।
मोहनलाल मीना, कार्यवाहक विकास अधिकारी, हिण्डोली