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कम पैदावार और भाव से मायूसी,अब रबी की फसल से भरपाई की उम्मीद

locationबूंदीPublished: Oct 27, 2020 06:54:12 pm

कापरेन. क्षेत्र में इस बार मौसम अनुकूल नहीं रहने और समय पर बरसात नहीं होने से खरीफ की फसल में पैदावार कम हुई। वहीं बाद में जिंसों के दामों में भी गिरावट होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

कम पैदावार और भाव से मायूसी,अब रबी की फसल से भरपाई की उम्मीद

कम पैदावार और भाव से मायूसी,अब रबी की फसल से भरपाई की उम्मीद

कम पैदावार और भाव से मायूसी,अब रबी की फसल से भरपाई की उम्मीद
कापरेन. क्षेत्र में इस बार मौसम अनुकूल नहीं रहने और समय पर बरसात नहीं होने से खरीफ की फसल में पैदावार कम हुई। वहीं बाद में जिंसों के दामों में भी गिरावट होने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बड़ी लागत और कड़ी मेहनत से तैयार उपज को बेचने के बाद अब किसान रबी की फसल से उम्मीद लगाते हुए रबी की तैयारी करने में जुटे हुए हैं।
क्षेत्र में देरी से हुई बरसात के बाद धान का रकबा कम होने के साथ ही सोयाबीन का रकबा बढ़ा, लेकिन मौसम अनुकूल नहीं रहने से सोयाबीन की औसत पैदावार 50 किलो से एक क्विंटल तक ही रही। कुछ ही किसानों को डेढ़ से दो क्विंटल की पैदावार हुई। भाव में सुधार होने के बावजूद किसान अपनी लागत नहीं निकाल पाए हंै। उधर धान की पैदावार और भाव दोनों ही कम रहने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। उड़द , मूंग की पैदावार और भी कम रही। मक्का से किसानों को उम्मीद थी, लेकिन भाव नहीं मिलने से वहां भी मायूसी ही रही। ऐसे में किसानों को अब रबी की फसल से बड़ी उम्मीदें है और गेहूं, लहसुन, सरसों की फसल से नुकसान को बराबर करने की उम्मीद को लेकर खेतों को तैयार कर पलेवा करने में जुट गए है। बोरदा माल निवासी किसान गिर्राज मालव, रामकरण मालव, कापरेन निवासी सत्यनारायण, अड़ीला निवासी लालचंद, मेघराज, अशोक जांगिड़ आदि ने बताया कि फसल तैयार होने के बाद मंडियों में बेचकर गेहंू की तैयारी कर रहे हैं। इस बार नुकसान होने से लागत भी नहीं निकल पाई हैं। जिसे देखते हुए किसान जो कुछ उपज हुई उसे बेचकर बीज खाद खरीदने और समय पर बुवाई की तैयारी करने में जुटे हैं। जिससे अच्छी पैदावार प्राप्त कर नुकसान को कम किया जा सके।

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