बूंदी

पेयजल की मारामारी मेें कोरोना गाइडलाइन हुई हवा

कस्बे सहित ग्राम पंचायत क्षेत्र में गर्मी में पेयजल की किल्लत सामने आने लगी है। गांवों, कस्बे में पूर्व में चल रहे जलस्रोत कुएं, बोरिंग आदि पानी गहरा चले जाने से अब हवा फैंकने लग गए हैं। वहीं कुछ बोरिंग बंद पड़े है।

बूंदीMay 08, 2021 / 10:11 pm

पंकज जोशी

पेयजल की मारामारी मेें कोरोना गाइडलाइन हुई हवा

पेयजल की मारामारी मेें कोरोना गाइडलाइन हुई हवा
कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं : हो रही नल पॉइंट्स पर भीड़
पेच की बावड़ी. कस्बे सहित ग्राम पंचायत क्षेत्र में गर्मी में पेयजल की किल्लत सामने आने लगी है। गांवों, कस्बे में पूर्व में चल रहे जलस्रोत कुएं, बोरिंग आदि पानी गहरा चले जाने से अब हवा फैंकने लग गए हैं। वहीं कुछ बोरिंग बंद पड़े है। जिससे आमजन को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में करीब दो वर्ष पूर्व हिण्डोली विधायक अशोक चांदना के कोष से कस्बे में करीब 75 लाख रुपए की लागत से 1 लाख लीटर पानी की टंकी का निर्माण हुआ था व कस्बे की गलियों में पाइपलाइन बिछाकर घर-घर नल कनेक्शन दिए गए और दो बोरिंग में पानी की मोटर लगाकर टँकी से पेयजल आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन पिछले करीब डेढ़ दो माह से उन बोरिंग में भी पानी गहरा गया। जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा दोनों बोरिंग में 20 फीट लंबे तीन-तीन पाइप और डलवाए, लेकिन पानी की उपलब्धता नहीं होने से सफलता नहीं मिली। जिसके चलते कस्बे में मोहल्ले वाइज तीन दिन में एक दिन जलापूर्ति की जा रही है। जिससे मुख्य बाजार में दिए गए नल प्वॉइंट्स पर तीन दिन में एक दिन जलापूर्ति होने से लोग कोरोना गाइड लाइन की पालना भूलकर एक जगह भीड़ जमा होती है। जिससे कोविड संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है।
संयुक्त टीम ने जांची थी पेयजल उपलब्धता
जलदाय विभाग के चीफ इंजीनियर सीएम चौहान, अतिरिक्त चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता, एससी देवकीनन्दन व्यास, एक्सईएन रविमोहन मीणा, एईएन प्रदीप तिवारी, कनिष्ठ अभियंता पवन राठौर ने कस्बे में पहुंचकर पूर्व में संचालित पेयजल योजना को मौके पर जाकर निरीक्षण किया व कस्बे में हो रही जलापूर्ति को लेकर ग्रामीणों से जानकारी भी ली थी, लेकिन उस समय जलापूर्ति लगभग ठीक थी। उन्होंने कस्बे में प्राचीन बावड़ी व चरागाह में स्थित पूर्व पेयजल योजना की टंकी व बोरिंग मोटर का अवलोकन किया था व भविष्य की पेयजल उपलब्धता की संभावना भी व्यक्त की थी।
साथ ही उन्होंने कस्बे में एक ओर पेयजल टंकी निर्माण जिसमें एक लाख लीटर क्षमता की टंकी निर्माण व पानी स्टॉक संयंत्र निर्माण व कस्बे में जहां पाइपलाइन नहीं पहुंची, वहां पाइपलाइन पहुंचाकर घर घर नल से वंचित लोगों को पानी उपलब्ध कराने को लेकर जलजीवन मिशन के तहत लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से निर्माण होना प्रस्तावित बताया था।
उधर ग्राम पंचायत सरपंच सीमा मीणा व भाजपा मंडल अध्यक्ष बाबूलाल मीणा ने बताया कि कस्बे सहित ग्राम पंचायत में पेयजल के लिए जलस्तर काफी गहरा गया है। जिसको लेकर पूर्व में संचालित पेयजल योजनाएं भी बंद होने के कगार पर है। वहीं आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए टैंकर व्यवस्था चालू करने को लेकर पंचायत द्वारा कई बार जलदाय विभाग को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक विभाग द्वारा एक भी टैंकर सप्लाई में नहीं भेजा गया है।
यहां है टैंकर की जरूरत
3 टैंकर कालामाल, 1 मोतीपुरा, 1 इटूंदा रोड व मेघवालों का झोपड़ा व 1 पेच की बावड़ी में बैरवा भील बस्ती में आवश्यकता है। उधर ग्राम पंचायत सरपंच का कहना है कि बार बार सबंधित विभाग को टैंकर के लिए अवगत कराया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही और आमजन पानी के लिए परेशान है।

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