बूंदीPublished: Jun 06, 2020 06:47:57 pm
पंकज जोशी
आकोदा ग्राम पंचायत के निकट नयागांव लघु सिंचाई परियोजना के तहत सियाणा व जवाहरजी का बरड़ा गांव के किसानों के डूब क्षेत्र में आए घरों का मुआवजा वर्तमान बीएसआर यानी दोगुना मिलेगा।
डूब क्षेत्र में आए घरों का मिलेगा दोगुना मुआवजा
डूब क्षेत्र में आए घरों का मिलेगा दोगुना मुआवजा
जल संसाधन विभाग ने जारी किए आदेश लॉकडाउन के बीच खुश खबर
हिण्डोली. आकोदा ग्राम पंचायत के निकट नयागांव लघु सिंचाई परियोजना के तहत सियाणा व जवाहरजी का बरड़ा गांव के किसानों के डूब क्षेत्र में आए घरों का मुआवजा वर्तमान बीएसआर यानी दोगुना मिलेगा।
नयागांव लघु सिंचाई परियोजना बांध के डूब क्षेत्र में दो सौ से अधिक किसानों के घर आ गए। जल संसाधन विभाग की ओर से इन किसानों को वर्ष 2014 की बीएसआर दर से मुआवजा दिया जा रहा था। जिसका किसानों ने विरोध किया और मुआवजा लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में बांध का काम अधूरा छूट गया। इस दौरान किसान वर्तमान बीसीआर दर से मुआवजे की मांग कर रहे थे। मामला हिण्डोली विधायक एवं खेल राज्यमंत्री तक भी पहुंचा।
तब घरों का मूल्यांकन दोबारा से सार्वजनिक निर्माण विभाग से करवाने के लिए उपखंड अधिकारी को निर्देश दिए गए। अब मूल्यांकन करवाने पर निर्माण विभाग ने मुआवजा दोगुना बनाया। जिसकी स्वीकृति के लिए जल संसाधन विभाग के जयपुर शासन सचिवालय को भेजा। जहां पर प्रमुख शासन सचिव नवीन महाजन ने वर्तमान बीएसआर दर से किसानों को मुआवजा दिलाने की स्वीकृति जारी की।
पहले चार करोड़, अब मिलेंगे साढ़े 9 करोड़
डूब क्षेत्र में घरों के लिए वर्ष 2014 बीएसआर दर से बनाया मुआवजा 4 करोड़ था। बाद में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सर्वे कर बनाया मुआवजा वर्तमान दर से साढ़े नौ करोड़ बना, जिसे स्वीकृति मिल गई।
जल संसाधन विभाग की ओर से मुआवजा 2014 की बीएसआर दर से बनाया था। क्षेत्र के किसान मिले थे। जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव के समक्ष बात रखी एवं किसानों को वर्तमान बीएसआर दर से मुआवजा मिला। अब किसान अन्य जगह अच्छे आवास बनाकर रह सकेंगे। उन्हें राहत मिलेगी।
अशोक चांदना, विधायक एवं खेल राज्यमंत्री
मुआवजे की राशि मिलते ही प्रशासक को भिजवा दी जाएगी, ताकि समय पर किसानों को मिल सके।
आर.के. पाटनी, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, बूंदी
2013- 14 की बीएसआर दर से किसानों को मुआवजा काफी कम मिल रहा था। ऐसे में किसान उस राशि से पक्के घर बनाने में असमर्थ थे। अब मांग पूरी हो गई।
कालू लाल गुर्जर, आकोदा