बूंदीPublished: Nov 16, 2021 07:34:37 pm
पंकज जोशी
यूरिया खाद की किल्लत ने नैनवां उपखंड के किसानों की एक पखवाड़े से दिनचर्या बदली हुई है। यूरिया के जुगाड़ के लिए गांव की महिला हो या पुरुष सुबह पांच बजे ही उठकर नैनवां के लिए दौड़ पड़ते हैं।
खाद की किल्लत से बदली किसानों की दिनचर्या
खाद की किल्लत से बदली किसानों की दिनचर्या
तड़के पांच बजते ही दौड़ पड़ते कतारों में लगने
नैनवां. यूरिया खाद की किल्लत ने नैनवां उपखंड के किसानों की एक पखवाड़े से दिनचर्या बदली हुई है। यूरिया के जुगाड़ के लिए गांव की महिला हो या पुरुष सुबह पांच बजे ही उठकर नैनवां के लिए दौड़ पड़ते हैं। जो किसान देरी से आता है तो उसके हाथ खाद नहीं लग पाता। सोमवार को कतारों में लगे कुछ किसान तो खाना भी साथ लेकर आए। किसानों ने बताया कि पहले डीएपी खाद के लिए कतारों में लगे तो अब यूरिया की किल्लत ने भी दिनचर्या बदल रखी है। महिलाओं की भी खाद के जुगाड़ के लिए दौड़ लगी हुई है। इसके लिए सुबह पांच ही चूल्हा चौका निपटाना पड़ रहा है।
पुलिस ने रोका हंगामा, शुरू करवाया वितरण
सोमवार सुबह नौ बजे किसानों को देईपोल चुंगी नाका के पास स्थित खाद की दुकान पर यूरिया का ट्रक आते ही किसान दुकान की और दौड़ पड़े। कतारों में लगने के दौरान हंगामा होने लगा तो सहायक कृषि अधिकारी गणेश सोनी, थाने से एएसआई लादूसिंह व पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को कतारों में लगवाकर खाद वितरण शुरू करवाकर हंगामा रोका। दुकान पर सात सौ से अधिक यूरिया आया। प्रति किसान दो-दो कट्टे वितरित किए। दोपहर बाद ही नगरपालिका के सामने स्थित खाद की दुकान पर यूरिया आते ही वहां पर भी लम्बी कतारें लग गई। यहां पर भी कृषि विभाग व पुलिस की निगरानी में दो-दो कट्टे वितरित किए।