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कोरोना के 14 माह में भी कमजोर नहीं पड़ी ‘मां की ममता’

locationबूंदीPublished: Jun 21, 2021 09:03:41 pm

मां का आंचल नवजात के लिए सुरक्षित कवच है,तो उसका दूध किसी संजीवनी से कम नहीं है। जी हां। कोरोना काल में भी मां शब्द की महिमा को बनाए रखते हुए प्रसूताओं ने अपने नवजात शिशुओं के साथ दूसरे जरूरतमंद नवजात बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखा है।

कोरोना के 14 माह में भी कमजोर नहीं पड़ी ‘मां की ममता’

कोरोना के 14 माह में भी कमजोर नहीं पड़ी ‘मां की ममता’

कोरोना के 14 माह में भी कमजोर नहीं पड़ी ‘मां की ममता’
मदर मिल्क बैंक में जरूरतमंद नवजात बच्चों के लिए अब तक साढ़े 6 लाख दूध का दान
21 हजार करीब बनाई गई यूनिट
414 महिलाओं ने किया दूधदान,821 बच्चों के लिए बना जीवनदान
गुंजन बाकलीवाल
patrika.com
बूंदी.
मां का आंचल नवजात के लिए सुरक्षित कवच है,तो उसका दूध किसी संजीवनी से कम नहीं है। जी हां। कोरोना काल में भी मां शब्द की महिमा को बनाए रखते हुए प्रसूताओं ने अपने नवजात शिशुओं के साथ दूसरे जरूरतमंद नवजात बच्चों की सेहत का भी ध्यान रखा है। इसके लिए दूध दान किया, ताकि उनका भी सम्पूर्ण बौद्धिक, मानसिक व शारीरिक विकास हो सके। बूंदी के सामान्य चिकित्सालय के मातृ एवं शिशु इकाई के पास 2017 में शुरू हुए मदर मिल्क बैंक से अब तक हजारों बच्चों को मां का दूध मिलने से नया जीवन मिला है। कोरोनाकाल के दौरान भी इन माताओं का हौसला व जज्बा कम नहीं हुआ है। अप्रेल 2020 से मई 2021 तक मदर मिल्क बैंक में 414 महिलाओं ने दूधदान कर 821 नवजात शिशुओं का जीवन बचाया है। जिनको किसी कारणवश जन्म देने वाली मां का दूध नसीब नहीं हो पा रहा था। इस अवधि के दौरान कुल 90 हजार एमएल दूध बैंक में संग्रहित हुआ, जबकि नवजात बच्चों को 3500 यूनिट दूध जरूरत पडऩे पर दिया गया। वहीं अब तक दान किए गए दूध की 21 हजार 938 मिल्क यूनिट बनाई गई है।
अब तक 653 लीटर दूध का संग्रहण
बूंदी का मदर मिल्क बैंक की शुरुआत 22 फरवरी 2017 को हुई थी। अब तक इस बैंक के माध्यम से नवजात शिशु के लिए 6 लाख 53 हजार 860 एमएल दूध का दान हुआ है। इस अवधि के दौरान 6 लाख 34 हजार 350 एमएल दूध बैंक में संग्रहित हुआ है। जबकि 7 हजार 410 नवजात शिशु को जरूरत पडऩे पर दूध दिया गया। बूंदी से अब तक करीब 2500 यूनिट दूध स्टोरेज डिस्ट्रीब्यूटरी सेंटर अजमेर भिजवाया जा चुका है। बूंदी से प्रतिदिन का 18 से 20 यूनिट दूध जाता है, हालांकि कोरोना के चलते दूध सिर्फ बूंदी के लिए भेजा जा रहा है।
बूंदी को मिला था नंबर 1 का ताज
बूंदी मदर मिल्क बैंक का मूल्यांकन करने के लिए सेंट्रल से वर्ष 2019 में टीम बूंदी आई थी। टीम ने यहां का निरीक्षण कर मूल्यांकन के आधार पर प्रदेश में 18 मदर मिल्क बैंकों में से बूंदी के बैंक के कार्य को अच्छा बताते हुए नंबर 1 की पॉजिशिन बताई थी।
ये टीम जुटी हुई
बूंदी मदर मिल्क बैंक में 6 सदस्यों का स्टाफ जुटा हुआ है। मैनेजर ममता अजमेरा, ऑफिस इंचार्ज अमरीन अंसारी, लैब इंचार्ज मधुबाला आर्य, डोनर रूम इंचार्ज सुनीता कुमारी मीणा, गायनिक काउंसलर कमलेश गोचर व पीडिया काउंसलर लेखा राठौड़ इस कार्य में जुटी हुई है।
रोज औसतन 5 महिलाएं पहुंच रहीं
मदर मिल्क बैंक मैनेजर ममता अजमेरा ने बताया कि मदर मिल्क बैंक में 1400 यूनिट मिल्क संग्रहण की क्षमता है। मदर मिल्क बैंक में प्रतिदिन औसतन 5 से 6 महिलाएं दूध दान करने पहुंच रही है तथा डिमांड के अनुसार अस्पताल व एफबीएनसी में पूर्ति भी हो रही है। कई महिलाएं तो स्वयं घरों से चलकर बैंक में दूधदान करने आती हैं। अब तक 137 महिलाएं दूधदान करने पहुंच चुकी हैं। एक यूनिट में 30 एमएल दूध होता है।
…ताकि मिल सके नया जीवन
दूध दान करने वाली माताओं को इससे कई फायदे भी होते हैं। वजन नियंत्रित रहता है तथा मधुमेह होने का खतरा भी कम हो जाता है। महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है। जो महिलाएं अपने शिशुओं को दूध पिला रही है, जिनके शिशु गंभीर बीमार है, मृत शिशु को जन्म देने वाली महिलाएं, जन्म के कुछ दिनों बाद नवजात को खोने वाली माताएं मिल्क बैंक में आकर दूध दान कर सकती है, ताकि जो नवजात शिशु मां के दूध से वंचित है। उन नवजात शिशुओं को नया जीवन मिल सके।
20 डिग्री में 6 माह तक सुरक्षित रहता है दूध
मदर मिल्क बैंक में महिलाओं द्वारा दान किया दूध माइनस 20 डिग्री में रखा जाता है, ताकि गुणवत्ता बनी रहे। इस स्थिति में इसको छह माह में उपयोग में लिया जा सकता है। अभी मदर मिल्क बैंक में 132 यूनिट मिल्क का स्टोरेज है। 6 जीएनएम बैंक की सारी व्यवस्थाओं को संभाल रही है।
मां के दूध कई फायदे
मदर मिल्क बैंक प्रभारी व शिशु विशेषज्ञ डॉ.जीएस कुशवाह ने बताया कि मदर मिल्क बैंक में दान किया जाने वाला दूध अपरिपक्व तथा बिना मां के शिशु, बीमार मां या अनाथ अथवा कम वजन के शिशु तथा गंभीर बीमार से ग्रसित शिशु के लिए काम में लिया जाता है। इससे सेवन से इन बच्चों का सम्पूर्ण बौद्धिक, मानसिक व शारीरिक विकास होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा समस्त विटामिन व लवण मिलने से एलर्जी, कोल्ड व कफ कैंसर, अस्थमा आदि से नवजात का बचाव होता है।

सरकार द्वारा बूंदी में मदर मिल्क बैंक स्थापित किया गया है। अभी तक अस्पताल में इस दौरान गर्भवती महिलाएं और धात्री माताएं आती है। उनके सहयोग तथा बाहर की महिलाएं भी यहां आकर दूधदान करती है। उनके सहयोग से बैंक अच्छा चल रहा है। 2019 में पूरे राजस्थान में बूंदी मदर मिल्क बैंक प्रथम नंबर पर आया था। मदर मिल्क बैंक में महिलाओं का सहयोग मिलता रहे, जिससे जरूरतमंद बच्चों को मां का दूध उपलब्ध हो।
उसकी सेहत बने प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो।
डॉ.प्रभाकर विजय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी,बूंदी

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