बूंदी

लोगों को मोहित करती है यहां की हरियाली

बगीची के बालाजी को दशकों पहले राड़ी के बालाजी के नाम से जाना जाता था। हरियाली की वजह से ये स्थान अब बगीचे जैसा लगने लगा है। लोग इस स्थान को बगीचे के बालाजी के नाम से जानने लगे।

बूंदीOct 01, 2020 / 09:35 pm

पंकज जोशी

लोगों को मोहित करती है यहां की हरियाली

लोगों को मोहित करती है यहां की हरियाली
नोताड़ा. बगीची के बालाजी को दशकों पहले राड़ी के बालाजी के नाम से जाना जाता था। हरियाली की वजह से ये स्थान अब बगीचे जैसा लगने लगा है। लोग इस स्थान को बगीचे के बालाजी के नाम से जानने लगे।
कस्बे से रघुनाथपुरा रोड पर यह स्थान आधा किमी दूर है। यह स्थान बारह सौ वर्ष पुराना बताया जाता हैं। दशकों पहले यहां घना जंगल था, एक चबूतरे पर बालाजी की प्रतीमा विराजमान थी। लोग यहां आने से डरते थे। पुजारी ओर ग्रामीणों के सहयोग से अब यह स्थान बगीचे में बदल गया है। महन्त महेंद्र दास महाराज ओर राधेश्याम दास बैरागी ने मन्दिर से बबूल हटाकर बगीचा विकसित किया। चारों ओर चारदीवारी का निर्माण कार्य कराया। यहां एक मंदिर भी बनाया गया है। पास के खाळ में बन्धा लगाकर पानी रोकते थे ओर वहां से पानी लाकर पोधों को पिलाते थे। बाद मे सहयोग से यहां पानी कि मोटर
लग गई।
हरियाळो राजस्थान के तहत होता है पोधारोपण
यहा पर हर वर्ष हरियाळो राजस्थान अभियान के तहत भी पौधारोपण किया जाता है। हर वर्ष रघुनाथ जी महाराज मठ मन्दिर के महन्त महेंद्र दास जी व ग्राम पंचायत द्वारा पौधारोपण किया जाता है।

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