बूंदीPublished: Dec 09, 2019 08:23:25 pm
पंकज जोशी
चेम्बर छोड़ो और उस गरीब किसान की पीड़ा सुनो सा’ब।
चार घंटे चली जिला परिषद की बैठक, नहीं हुआ कोई ठोस निर्णय
बूंदी. चेम्बर छोड़ो और उस गरीब किसान की पीड़ा सुनो सा’ब। बूंदी जिला परिषद की सोमवार को यहां कलक्ट्रेट सभागार में हुई अंतिम बैठक में जिले के काश्तकारों के मुद्दे छाए रहे। चाहे किसानों को बिजली ट्रांसफार्मर समय पर नहीं मिलने का मामला हों फिर फिर सिंचाई के लिए दिन में बिजली देने की मांग, सभी पर सदस्य एक राय होकर अधिकारियों के सामने मांग उठाते दिखे।सदस्यों ने तो यहां तक कि अधिकारी सरकार तक की सुनवाई नहीं कर रहे। सरकार का 72 घंटे में जला हुआ ट्रांसफार्मर बदलने का दावा भी बिजली निगम के अभियंताओं ने फेल कर दिया। सदस्यों ने किसानों को सब्सिडी पर गेहूं का बीज नहीं मिलने का मामला भी बैठक में जोरशोर से उठाया। हालांकि एक बारगी सरकार पर छींटाकशी और निंदा प्रस्ताव लेने के मामले में सदस्य दो धड़ों में बंट गए। देर तक हंगामा भी हुआ। यहां कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी के कारण सरकार की छवि खराब नहीं होने देंगे। अधिकारी सरकार की मंशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे।उन्होंने भाजपा सदस्यों की ओर से उठाए सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रमुख सोनिया गुर्जर ने की। जिला प्रमुख गुर्जर ने कहा कि विकास के मामलों में सभी सदस्य एकराय रहें, ताकि लोगों के अधिक से अधिक काम कराए जा सकें। उन्होंने सभी सदस्यों और अधिकारियों को आपसी सामन्जस्य बनाए रखने की हिदायत दी। करीब चार घंटे तक चली बैठक में कई सदस्य कहते दिखे कि अधिकारी किसी की नहीं सुनते। अधिकारियों की इस मनमर्जी से सरकार की छवि खराब होगी। संचालन जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरलीधर प्रतिहार ने किया।