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पाईबालापुरा बांध से नहीं मिलेगा सिंचाई का पानी

locationबूंदीPublished: Oct 23, 2020 07:54:25 pm

पाईबालापुरा बांध नैनवां व देई कस्बे को जलापूर्ति का प्रमुख स्रोत है। दोनों ही कस्बों को पाईबालापुरा पेयजल योजना से ही जलापूर्ति होती है।

पाईबालापुरा बांध से नहीं मिलेगा सिंचाई का पानी

पाईबालापुरा बांध से नहीं मिलेगा सिंचाई का पानी

पाईबालापुरा बांध से नहीं मिलेगा सिंचाई का पानी
पेयजल के लिए किया आरक्षित
नैनवां. पाईबालापुरा बांध नैनवां व देई कस्बे को जलापूर्ति का प्रमुख स्रोत है। दोनों ही कस्बों को पाईबालापुरा पेयजल योजना से ही जलापूर्ति होती है। बांध के खाली रह जाने से 25 फीट भराव क्षमता वाले बांध में 17 फीट पानी ही बचा हुआ है, जो पेयजल के लिए आरक्षित रखे जाने वाले पानी से भी एक फीट कम है। जलदाय विभाग ने बांध में पेयजल के लिए 18 फीट पानी आरक्षित रखने को जल संसधान विभाग को लिखा तो जल संसाधन विभाग ने पूरा पानी ही पाईबालापुरा पेयजल योजना के लिए आरक्षित कर दिया है।
रोक के बाद लगा रखे डीजल इंजन
जलदाय विभाग को पानी की सुरक्षा करने के लिए लिखने के बाद भी जलदाय विभाग द्वारा पानी की सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जा रहे। सिंचाई के लिए पानी लेने पर रोक होने के बाद भी डीजल इंजनों से सिंचाई के लिए पानी लेनेे की होड़ मची हुई है। जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि बांध का पूरा पानी पेयजल के लिए ही रिजर्व रखते हुए बांध से सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़ा जाएगा। बांध का पानी जलदाय विभाग का मानते हुए पानी की सुरक्षा के उपाय करने को लिखा है। बांध के खाली रह जाने से अभी बांध में पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाने जितना पानी भी नहीं बचने से दोनों कस्बों को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। बांध में पेयजल के लिए आरक्षित पानी को डीजल इंजन लगाकर सिंचाई का पानी लिया जा रहा है।
बांध आठ फीट खाली रह जाने से बांध में अभी 17 फीट ही पानी बचा होने से पूरा पानी ही पेयजल के लिए आरक्षित करते हुए सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जाएगा। बांध में बचा पूरा पानी जलदाय विभाग का है। जलदाय विभाग को पानी की सुरक्षा के लिए लिख दिया है।
जम्बूकुमार जैन, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग
बांध का पूरा पानी पेयजल के लिए आरक्षित होने के बाद भी बांध से डीजल इंजन लगाकर सिंचाई का पानी लिए जाने की सूचना मिलने पर बांध पर लगे डीजल इंजनों को हटाने के लिए लोगों को समझाने के लिए टीम भेजी है। समझाने पर डीजल इंजन नहीं हटाने पर कार्रवाई की जाएगी।
मनोज नागर, कनिष्ठ अभियंता, जलदाय विभाग

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