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अस्पतालों में मरीजों की भरमार, उपचार को तरसे रह मरीज

locationबूंदीPublished: Sep 05, 2021 05:48:59 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

हिण्डोली कस्बे सहित आसपास के गांव में मौसमी बीमारी के रोगियों की संख्या लगातार बढऩे से चिकित्सालय में रोगी की भरमार लगी हुई है।

अस्पतालों में मरीजों की भरमार, उपचार को तरसे रह मरीज

अस्पतालों में मरीजों की भरमार, उपचार को तरसे रह मरीज

हिण्डोली. हिण्डोली कस्बे सहित आसपास के गांव में मौसमी बीमारी के रोगियों की संख्या लगातार बढऩे से चिकित्सालय में रोगी की भरमार लगी हुई है। यहां पर आउटडोर भी दोगुना हो गया है। जानकारी के अनुसार गत 10 दिन से गांवों में खांसी, जुकाम, बुखार के रोगी बढ़ गए हैं। ऐसे में चिकित्सालय में सुबह से दोपहर तक रोगियों की भीड़ लगी रहती हैं। यहां पर प्रतिदिन ढाई सौ से तीन सौ रोगी उपचार के लिए आ रहे हैं। वहीं पर आठ से दस रोगी भर्ती हो रहे हैं।

तीन चिकित्सकों के भरोसे केंद्र
हिण्डोली चिकित्सालय में काफी समय से चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। यहां पर इन दिनों तीन चिकित्सक ही कार्यरत है। ऐसे में एक चिकित्सक के काम आने या अवकाश पर जाने से चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा जाती है।

वर्षों से चल रही हैं 50 बेड चिकित्सालय की मांग
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बेड का चिकित्सालय घोषित करने की मांग लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन यहां पर 50 बेड नहीं होने से चिकित्सकों व स्टाफ की कमी लगातार बनी हुई है। ब्लॉक कांग्रेस के महामंत्री महेश सोमानी व सचिव कालू जोशी ने बताया कि मांग को लेकर राज्य मंत्री अशोक चांदना को ज्ञापन दिया। साथ में यहां पर महिला चिकित्सक लगाने की भी मांग की है।

सुविधाओं से महरूम
एक दशक से अधिक समय से यहां पर महिला चिकित्सक का नहीं है। इसके अलावा सर्जन व फिजिशियन के नहीं होने से गंभीर रोगियों को यहां पर भर्ती नहीं किया जाता हैं। एक्सरे मशीन रेडियोग्राफर के पद भी
रिक्त है।
इन दिनों मौसमी बीमारी और मच्छरों के चलते गांव में बीमारों की संख्या बढ़ रही हैं। जो रोगी उपचार के लिए चिकित्सालय में आते हैं, उन्हें चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है।
डॉ. बद्री विशाल मूंदड़ा, प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हिण्डोली।

आदर्श पीएचसी पर कर्मचारियों की कमी
भण्डेड़ा. क्षेत्र में बांसी आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर इस समय कर्मचारियों की कमी काफी बनी हुई है। यहां मौसम परिवर्तन के साथ ही रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कर्मचारियों की कमी के चलते रोगियों व तीमारदारों को उपचार लेने के लिए लंबे समय तक अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है।

पांच सालों में 13 से 4 ही रह गए
पीएचसी पर वर्ष 2015-16 में 13 कर्मचारी सेवा दे रहे थे। वर्ष 2021-22 में सितम्बर तक मात्र 4 कर्मचारी ही पदस्थापित हैं। इनमें से भी एक कर्मचारी की कोरोना वैक्सीनेशन करवाने में व्यस्तता रहती है।

एक कर्मचारी के पास कई काम
केंद्र पर चिकित्सक को दिखाने के बाद एक मेल नर्स के पास आते है। जहां पर मेल नर्स पहले रोगी का रजिस्ट्रेशन करता है। फिर इंजेक्शन लगाता है। दवा वितरण करना सहित अन्य कार्य करने पड़ रहे हैं। जिससे रोगियों को उपचार लेने में लंबा समय लगता है।

यह पद रिक्त
लैब टेक्नीशियन का दो वर्ष पहले प्रमोशन होने के बाद यह पद रिक्त, एक एएनएम उच्च अध्ययन के प्रशिक्षण के लिए चले जाने से यह पद भी एक वर्ष से रिक्त, एलएचवी का रिटायर होने के बाद नौ माह से यह पद रिक्त, एक वर्ष से स्वीपर का पद रिक्त, फार्मासिस्ट का स्थानांतरण होने से दो वर्ष से पद रिक्त, एक वार्ड ब्वॉय का पद भी रिक्त है। वहीं महिला कर्मचारी भी नहीं होने से परेशानी होती है।

यहां पर चल रही कर्मचारियों की कमी को लेकर उच्चाधिकारियों को समय-समय पर अवगत भी कराया जा चुका है। केंद्र पर आने वाले रोगियों को हर संभव उपचार देकर भेजने का पूरा प्रयास करते हैं।
कौशल गोयल, चिकित्साप्रभारी, पीएचसी बांसी

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