बूंदीPublished: May 29, 2020 07:05:40 pm
पंकज जोशी
लॉकडाउन से पहले गोलपुर गांव के समीप मजदूरी का काम करने आए पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिला निवासी तपन दत्तव की अपने घर जाने की आस गुरुवार को पूरी हुई।
घर रवानगी की झलकी खुशी
घर रवानगी की झलकी खुशी
बूंदी. लॉकडाउन से पहले गोलपुर गांव के समीप मजदूरी का काम करने आए पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिला निवासी तपन दत्तव की अपने घर जाने की आस गुरुवार को पूरी हुई। तपन काम करने के लिए गोलपुर क्षेत्र में आया था। इसी दौरान लॉकडाउन होने के कारण वह यहीं रह गया। गुरुवार को जब तपन को उसके घर जाने के लिए इंतजाम की सूचना मिली तो वह फूला नहीं समाया। यह अकेला तपन नहीं बल्कि उसके साथ 55 और प्रवासियों को घर भेजा गया।
बूंदी में मजदूरी या अन्य कार्यों से आजीविका चलाने वाले बंगाल और बिहार के 55 प्रवासी श्रमिकों की उनके घर के लिए विदाई हुई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य में लागू लॉकडाउन के चलते यह श्रमिक अपने घर जाना चाहते थे, लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने से यह यहीं रह गए। अब गुरुवार को हायर सैकेण्डरी स्कूल परिसर से 55 प्रवासी श्रमिकों को बसों के माध्यम से कोटा भेजा गया जहां से ट्रेन से गंतव्य तक पहुंचेंगे। स्क्रीनिंग के दौरान बूंदी तहसीलदार भारत सिंह राठौड़ मौजूद रहे। कांग्रेस प्रवासी जिला केंद्र के प्रभारी चर्मेश शर्मा ने सभी श्रमिकों को भोजन के पैकेट और पानी की बोतल उपलब्ध कराई।