बूंदीPublished: May 25, 2020 07:37:04 pm
पंकज जोशी
बूंदी. वे जान बचाने को घरों में बंद रहे, यह उन्हें संकट की घड़ी में बचाने घर-घर पहुंचते रहे। यह दास्तां है आइसीटीसी सेंटर के कोरोना योद्धाओं की। जो कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी में भी लॉकडाउन के चलते एचआइवी-एड्स मरीजों को घर-घर जीवन रक्षक दवाइयां पहुंचाने में जुटे रहे।
संकट की घड़ी में जी-जान से जुटे संविदाकर्मी,एचआइवी पीडि़तों को पहुंचा रहे दवा
संकट की घड़ी में जी-जान से जुटे संविदाकर्मी,एचआइवी पीडि़तों को पहुंचा रहे दवा
बूंदी. वे जान बचाने को घरों में बंद रहे, यह उन्हें संकट की घड़ी में बचाने घर-घर पहुंचते रहे। यह दास्तां है आइसीटीसी सेंटर के कोरोना योद्धाओं की। जो कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी में भी लॉकडाउन के चलते एचआइवी-एड्स मरीजों को घर-घर जीवन रक्षक दवाइयां पहुंचाने में जुटे रहे। एक तो कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी का डर, दूसरा कमजोर इम्यूनिटी पावर वाले मरीजों को समय पर दवाई के नहीं मिलने से संक्रमण का जोखिम। सेंटर ने करीब 150 मरीजों को इस बीमारी की दवाई वितरित की।
इस मुश्किल घड़ी में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने उनकी समस्या का हल निकाला। जब सभी लोग घरों में बंद रहे तब कोरोना योद्धा उनके लिए दवाइयां लेकर घर पहुंचे। बूंदी के सामान्य चिकित्सालय में कार्यरत आइसीटीसी सेंटर के कार्मिकों की ओर से एचआइवी पीडि़तों के घर-घर दवाइयां पहुंचाई गई। चिकित्सकों की माने तो यह अति आवश्यक दवाइयां उनकी जान बचाने में अहत साबित हुई।
जीवनभर लेनी होगी दवा
महामारी के इस दौर में एड्स मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए संविदा कार्मिक भी जी-जान से जुटे रहे। संविदा कार्मिक अपने सेंटर के पंजीकृत मरीजों को घर-घर जाकर दवाइयां दे रहे। यह दवाइयां जीवन रक्षक होने से मरीजों को जीवन भर लेनी होगी।
150 से अधिक मरीज
सेंटर के अनुसार एचआइवी-एड्स के जिले में करीब 250 मरीज पंजीकृत हैं। लॉकडाउन में जिले के करीब 150 मरीजों को यहां दवाइयां मुहैया कराई गई। इसके अलावा यहां सेंटर से जयपुर, उदयपुर व भीलवाड़ा के मरीज भी दवाई ले जा चुके।
भेदभाव पूर्ण नीति पर कार्मिका का विरोध
आइसीटीसी सेंटर में कार्यरत संविदा कर्मियों में नाराजगी भी रही। कार्मिकों ने बताया कि पूरी निष्ठा से मरीजों की सेवा करने के बावजूद उनका वेतन नहीं बढ़ाया। एसीआई काउंसलर मनीष गर्ग व लैब टेक्निशयन आशुतोष ने बताया कि हाल ही में नाकों की ओर से एमओ व एसएमओ के लिए वेतन वृद्धि की गई, लेकिन संविदा कार्मिकों को कुछ नहीं दिया।
एचआइवी पीडि़तों को लॉकडाउन में परेशानी नहीं हो इसको देखते हुए घर-घर दवाइयां पहुंचाई। अब तक करीब 150 मरीजों को दवाई का वितरण कर चुके। कार्य आगे भी जारी रहेगा।’
सुनीता पाटनी, काउंसलर, आइसीटीसी सेंटर, सामान्य चिकित्सालय, बूंदी