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बूंदी में थम नहीं रहा मौत का आंकड़ा

locationबूंदीPublished: May 14, 2021 08:04:26 pm

जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में लगातार मौतों का आंकड़ा हर किसी की नींद उड़ा रहा है। चिकित्सा प्रशासन मरीजों की जान बचाने में जुटा है, लेकिन प्रतिदिन होती मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर दिन अस्पताल में करीब 10 से 13 मौतें हो रही है।

बूंदी में थम नहीं रहा मौत का आंकड़ा

बूंदी में थम नहीं रहा मौत का आंकड़ा

बूंदी में थम नहीं रहा मौत का आंकड़ा
30 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की नियुक्ति, 15 नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी देंगे सेवा
बूंदी. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में लगातार मौतों का आंकड़ा हर किसी की नींद उड़ा रहा है। चिकित्सा प्रशासन मरीजों की जान बचाने में जुटा है, लेकिन प्रतिदिन होती मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। हर दिन अस्पताल में करीब 10 से 13 मौतें हो रही है।
मौत के बढ़ते ग्राफ से अब लोग सहमे हुए हैं। इधर, मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या के आगे चिकित्सालय में बेड खाली नहीं हो रहे। अब तो हालात यह हो गए कि नए मरीज को अति आवश्यक होने पर स्ट्रेचर पर लेटाकर ऑक्सीजन चढ़ाई जा रही है। बुधवार को अस्पताल में 13 मौते हुई। गुरुवार को भी आंकड़ा इसी के आस-पास रहा। मुक्तिधाम में भी हर दिन बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार हो रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन इस कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर में मरीजों की देखभाल में जी-जान से जुटा है। अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ व चिकित्सकों के कोरोना संक्रमित होने से नर्सिंग स्टॉफ व चिकित्सकों की नियुक्ति भी सरकार स्तर पर की जा रही है।
30 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर लगाए
कोविड मरीजों को परेशानी ना हो साथ उनकी उचित देखभाल हो इसको लेकर बूंदी के सामान्य चिकित्सालय में 30 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर लगाए हैं, जो कोविड वार्ड में ड्यूटी देंगे। इनकी शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। 35 नर्सिंग स्टूडेंट्स पहले से ही सामान्य चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में लगातार सामान्य चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए नर्सिंग स्टॉफ लगाए जा रहे हैं। 15 विद्यार्थी नर्सिंग कॉलेज के आए हैं। अस्पताल में चिकित्सकों व नर्सिंग स्टॉफ के संक्रमित होने के बाद चिकित्सा व्यवस्था के हाल बेहाल हो गए, ऐसे में इनकी नियुक्ति से व्यवस्था दुरुस्त होगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि हर सीएचसी पर भी दो-दो कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर लगाए हंै। इनकी नियुक्ति से मरीजों को उचित लाभ मिलेगा।

भगवान भरोसे उपचार करवा रहे कोरोना रोगी
केशवरायपाटन. उपखंड में कोरोना महामारी घातक रूप ले चुकी है, लेकिन चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में अनभिज्ञ बने हुए हैं। इनके पास कोरोना के कितने पॉजिटिव मामले हैं, यह भी जानकारी नहीं है। यहां की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। जिम्मेदार अधिकारी भी पॉजिटिव की संख्या बताने से बच रहे हैं। कस्बे में वैसे तो सैकड़ों पॉजिटिव है, लेकिन विभाग के पास इनकी जानकारी आधी अधूरी है। चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि कस्बे में 195 पॉजिटिव व ग्रामीण क्षेत्र में 66 पॉजिटिव रोगी एक्टिव है। ब्लॉक का कार्य देख रहे ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जितेंद्र सिहरा ने बताया कि अब तक कोरोना से ब्लॉक में छह लोगों की मौत हो चुकी है। ब्लॉक में टोटल कितने पॉजिटिव है इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
कोटा जाना पड़ रहा
उपखंड में कोरोना उपचार के नाम पर खानापूर्ति करने से लोगों को उपचार के लिए कोटा जाना पड़ रहा है। यहां पर कोविड सेंटर में मात्र दो पॉजिटिव रोगी भर्ती हुए हैं। जिनकी भी समय पर देखभाल नहीं हो पा रही है। सेंटर का निरीक्षण करने के लिए नेता आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। रोगियों को समय पर दवाइयां नहीं मिल रही है।
इस अवस्था में हो सुधार
केशवरायपाटन उपखंड की चिकित्सा व्यवस्था बिगड़ी हुई है। इसमें सुधार होना जरूरी है। दवाइयों का अभाव है। जिला मुख्यालय से दवाइयां एवं अन्य संसाधन मंगवाए गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन यहां भिजवा नहीं पा रहा है। जिससे रोगियों को कोटा जाना पड़ रहा है। ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं।
जगदीश दाधीच, कांग्रेसी नेता, केशवरायपाटन


कैमला में ना कोई दवा, ना देखभाल
तलवास. तलवास पंचायत क्षेत्र एवं नीमखेड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र के अधीन आने वाला यह गांव कोविड़ के संक्रमण से जूझ रहा है। यहां पर घर घर में लोगों के खांसी, जुखाम, बुखार है। वहीं बुधवार को देर रात आई जांच रिपोर्ट में 4 लोग पॉजिटिव आए हैं। एक महिला की कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है, लेकिन गांव में चिकित्सा विभाग ने बुधवार तक कोई सुध नहीं ली। ना ही यहां पर पॉजिटिव लोगों को उपचार दियाा। गांव के उपसरपंच रामू गुर्जर बजरंग लाल सैनी ने बताया कि विभाग से सर्वे कर दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अनदेखी से संक्रमण फैलता जा रहा है। इधर, एएनएम नीमा ने बताया कि कैमला में पॉजिटिव मरीजों को दवा दी गई है।

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