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गेण्डोली में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण परेशान

कस्बे के लोगों को इन दिनों पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में ग्रामीणों को 48 घंटे में एक बार नलों से जलापूर्ति की जा रही है। जानकारी के अनुसार गर्मी की शुरुआत में ही कस्बे के ताल तलैयाओं का पानी सूख जाने से जंगली जानवरों व मवेशियो को पेयजल का सामना करना पड़ रहा है।

बूंदीMay 06, 2021 / 08:54 pm

पंकज जोशी

गेण्डोली में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण परेशान

गेण्डोली में पेयजल संकट गहराया, ग्रामीण परेशान
48 घंटे में एक बार हो रही जलापूर्ति
गेण्डोली. कस्बे के लोगों को इन दिनों पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में ग्रामीणों को 48 घंटे में एक बार नलों से जलापूर्ति की जा रही है। जानकारी के अनुसार गर्मी की शुरुआत में ही कस्बे के ताल तलैयाओं का पानी सूख जाने से जंगली जानवरों व मवेशियो को पेयजल का सामना करना पड़ रहा है। वहीं भू जल स्तर गहराने से कस्बे के अधिकांशत हैण्डपम्प खराब पड़े है या फिर वह पानी के बजाय हवा फैंक रहे है। कस्बे में जलापूर्ति के लिए दो नलकूप और दो टंकियां बनी हुई है। जिनसे पहले तो 24 घंटे में एक बार जलापूर्ति की जाती थी, लेकिन अब 48 घंटे में एक बार जलापूर्ति की जा रही है। इसलिए ग्रामीणों को पीने, नहाने-धोने एवं मवेशियों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने पंचायत प्रशासन से नलों द्वारा जलापूर्ति नहीं किए जाने वाले दिन टैंकरों से जलापूर्ति किए जाने का आग्रह किया है, लेकिन पंचायत प्रशासन ने उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
टैंकरों से हो रही है जलापूर्ति
पेयजल की समस्या गेण्डोली कस्बे में ही नहीं अपितु पूरे पंचायत क्षेत्र में व्याप्त है। क्षेत्र के गूंथा, महुआ, गेण्डोली खुर्द की झोपडिय़ां, झाडोल, नयागांव उर्फ बोहरा कजोड़ जी की झोपडिय़ां में टैंकरों से पीने का पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है जो ग्रामीणों एवं मवेशियों की आवश्यकता से नाकाफी है।
इस सन्दर्भ में सरपंच पदमावती मीणा का कहना है कि नलकूपों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता नहीं होने एवं बिजली आपूर्ति सुचारू व पर्याप्त नहीं होने से कस्बे में एक दिन छोडकऱ जलापूर्ति की जा रही है।

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