बूंदीPublished: Sep 27, 2021 06:33:42 pm
पंकज जोशी
बरसों से प्राचीनता का प्रतीक बनी धरोहरों को अब प्रशासन के मरहम की दरकरार है। क्षेत्र के कोटाखुर्द गांव में स्थित करीब एक हजार वर्ष पुराना भगवान ज्ञानराय महाराज का मंदिर बरसात से जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा है।
कोटा खुर्द में ज्ञानराय भगवान का मंदिर हुआ क्षतिग्रस्त
कोटा खुर्द में ज्ञानराय भगवान का मंदिर हुआ क्षतिग्रस्त
भारतमाला प्रोजेक्ट में आई मंदिर की जमीन
मुआवजा राशि पहुंची देवस्थान विभाग के पास
राशि को जीर्णोद्धार में लगाने की मांग
नोताड़ा . बरसों से प्राचीनता का प्रतीक बनी धरोहरों को अब प्रशासन के मरहम की दरकरार है। क्षेत्र के कोटाखुर्द गांव में स्थित करीब एक हजार वर्ष पुराना भगवान ज्ञानराय महाराज का मंदिर बरसात से जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने लगा है। मंदिर में स्थापित प्रतिमा व बुजुर्गों के मुताबिक मंदिर का निर्माण बूंदी दरबार ने करीब एक हजार वर्ष पूर्व करवाया था।
रामगोपाल मीणा, पुजारी किशनचंद शर्मा, ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा, ग्रामीण सोहनलाल गौतम व रामनिवास मीणा ने बताया कि बरसात के दौर में मंदिर की परिक्रमा पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर ढह गई तो मंदिर भी जर्जर होने से खतरा बना हुआ है। यहां पर होकर रास्ता भी गुजरता है, जहां से निकलने में भी डर लगने लगा है। वहीं मंदिर के आसपास मकान वालों के भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में उपखण्ड प्रशासन सहित जिला प्रशासन से मंदिर भूमि से देवस्थान विभाग को प्राप्त हुई राशि का उपयोग मंदिर के जीर्णोद्धार में करने की गुहार लगा रहे हैं।
मंदिर के नाम करीब 10 बीघा जमीन
ग्रामीणों के मुताबिक मंदिर के नाम करीब 10 बीघा जमीन है। जिसे वर्षो से पुजारी परिवार ही सम्भाल रहा है। मंदिर की जमीन से पैदा उपज में मंदिर खर्च के साथ पुजारी परिवार का खर्चा ही निकल पाता है। उससे मन्दिर की मरम्मत नहीं हो सकती है।
भारत माला प्रोजेक्ट में आई मंदिर की जमीन
ग्रामीणों ने बताया कि मन्दिर की जमीन का कुछ हिस्सा भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत निर्मित 8 लेन सड़क में आ गया। जिसे अधिग्रहण भी कर लिया गया, लेकिन उसकी मुआवजा राशि करीब 9 लाख 75 हजार रुपए देवस्थान विभाग उदयपुर को सुपुर्द कर दी।