scriptभण्डारों में लाखों रुपयों की मिठाई और मावा खराब | Bundi News, Bundi Rajasthan News,In stores,Of millions of rupees,Sweet | Patrika News

भण्डारों में लाखों रुपयों की मिठाई और मावा खराब

locationबूंदीPublished: Apr 02, 2020 09:44:13 pm

लॉकडाउन ने बूंदी में मिठाई और कचौरी-समोसे का बाजार प्रभावित कर दिया।

भण्डारों में लाखों रुपयों की मिठाई और मावा खराब

भण्डारों में लाखों रुपयों की मिठाई और मावा खराब

भण्डारों में लाखों रुपयों की मिठाई और मावा खराब
– कोरोना वायरस का साइड इफेक्ट : कचौरी-समोसों का कारोबार ठप
– छोटे कारोबारियों को झेलना पड़ा बड़ा नुकसान, कच्चा माल फेंकना पड़ा
बूंदी. लॉकडाउन ने बूंदी में मिठाई और कचौरी-समोसे का बाजार प्रभावित कर दिया। अकेले बूंदी शहर में 2 से ढाई लाख रुपए की मिठाई रोज बिक रही थी। इसी प्रकार कचौरी-समोसों की बिक्री की संख्या आठ से दस हजार बताई। लॉकडाउन के बाद से ही सारा बाजार खौफ के साए में सुस्त हो गया। मिठाइयों के भंडारों में रखा मावा अब खराब हो गया। मजदूरों के नहीं आने से इस कच्चे माल को व्यवस्थित नहीं किया जा सका। ऐसे में कई व्यापारियों को लाखों का नुकसान हो गया। अब दुकानदारों में इसी बात की टीस शुरू हो गई कि सोशल डिस्टेंस से कोरोना वायरस से तो जीत जाएंगे, लेेकिन इस नुकसान की भरपाई करना इस समय में मुश्किल रहेगा।
जीवन से बढकऱ कुछ नहीं
मिठाई और कचौरी-समोसे की दुकान संचालकों ने बताया कि अचानक आई इस विपदा से लाखों रुपयों का नुकसान हो गया। भंडार में रखा कच्चा माल खराब हो गया, लेकिन यदि सभी सुरक्षित रहे तो जीवन में इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी। ऐसे में सबसे पहले लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकताओं में रखना होगा। हालांकि ठेला लगाकर कचौरी-समोसे बेचने वालों को समस्या इस लॉकडाउन में अधिक हो गई।
भंडारों में रखा-रखा हुआ खराब
कुछस्थानों पर बनी हुई रखी मिठाइयां खराब हो गई। भंडार और दुकानों को खोलकर इस सामग्री को संभाला तक नहीं जा सका।कुछ जगहों पर मावा खराब होने पर उसे फेंक दिया गया। लॉकडाउन के 14 अप्रेल तक रहने से कई दुकानदारों ने मावा भंडारों को बंद कर दिया। बूंदी में मिष्ठान भंडार संचालक जगदीश राजपुरोहित ने बताया कि दुकान में मावे, बेसन से तैयार मिठाइयां थी। पहले सोचा था कि 1 दिन का जनता कफ्र्यू रहेगा, लेकिन यह लॉकडाउन में तब्दील हो गया। बाद में इसकी अवधि भी बढ़ गई। इससे लाखों रुपयों की मिठाइयां खराब हो गई।
भंडारों में रखा मावा और मिठाइयां अब खाने लायक नहीं रहेगी। ऐसे में कोई दुकानदार इसे नहीं बांटे। लोगों के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ नहीं करें। यदि जीवन बना रहा तो नुकसान की भरपाई कहीं भी हो जाएगी। सभी लॉकडाउन की पूरी पालना करें।
गिरिराज शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, बूंदी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो