बूंदीPublished: May 07, 2021 09:31:45 pm
पंकज जोशी
कोरोना के डर से जहां लोग घरों में कैद हैं। वहीं चंबल नदी पर अवैध मत्स्य आखेट करने वाले बाज नहीं आ रहे है। यह राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण क्षेत्र में भी शामिल है। वन विभाग कार्यालय के 200 मीटर की दूरी पर ही मछुआरे बेखौफ होकर मछलियों का शिकार कर रहे हैं।
चम्बल नदी में धड़ल्ले से हो रहा मत्स्य आखेट
चम्बल नदी में धड़ल्ले से हो रहा मत्स्य आखेट
श्रद्धालुओं ने भेजा पत्र, केशव की नगरी के हाल
केशवरायपाटन. कोरोना के डर से जहां लोग घरों में कैद हैं। वहीं चंबल नदी पर अवैध मत्स्य आखेट करने वाले बाज नहीं आ रहे है। यह राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण क्षेत्र में भी शामिल है। वन विभाग कार्यालय के 200 मीटर की दूरी पर ही मछुआरे बेखौफ होकर मछलियों का शिकार कर रहे हैं। अभयारण टीम की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। नदी पर गश्त के लिए एक मोटर बोट की भी सुविधा है, लेकिन वह भी शोपीस बन कर रह गई है। लोगों का कहना है कि वैशाख माह होने से चंबल में मछलियों को आटा व दाना खिलाने का विशेष फल माना गया है।
जिससे श्रद्धालु व आमजन पवित्र घाटों पर मछलियों की सेवा करते हैं। आरोप है कि कोटा की तरफ से आने वाले मछुआरे विस्फोटक सामग्री से पवित्र घाटों के पास ही मछलियों का शिकार करते हैं। अगर कोई इन्हें रोकने का प्रयास करता है तो मछुआरे हमला करने का प्रयास करते हैं। इनके आतंक से स्नान करने वाले लोग डरे व सहमे हुए हैं।
कलक्टर को ज्ञापन भेजा
कस्बे के लोगों ने गुरुवार को उपखंड अधिकारी को जिला कलक्टर के नाम ज्ञापन भेज कर चंबल नदी में निरंतर हो रहे अवैध मत्स्य आखेट पर रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में मानसिंह गुर्जर, अशोक कुमार, गौरव शर्मा, लेखराज शामिल हैं।