बूंदीPublished: Feb 24, 2021 09:03:23 pm
पंकज जोशी
बूंदी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 6 वर्ष पुराने इंद्रगढ़ नगर पालिका के पट्टा प्रकरण मामले में मंगलवार को कोटा एसीबी कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत कर दी। एसीबी ने यह मुकदमा नियम विरुद्ध तरीके से प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टे जारी करने को लेकर दर्ज किया था।
एसीबी के छह साल पुराने मामले में इंद्रगढ़ की तत्कालीन पालिकाध्यक्ष भगोड़ा घोषित
एसीबी के छह साल पुराने मामले में इंद्रगढ़ की तत्कालीन पालिकाध्यक्ष भगोड़ा घोषित
प्रशासन शहरों के संग अभियान में जारी किया था सरकारी जमीन का पट्टा
बूंदी एसीबी ने कोटा एसीबी कोर्ट में पेश किया आरोप पत्र
बूंदी. बूंदी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 6 वर्ष पुराने इंद्रगढ़ नगर पालिका के पट्टा प्रकरण मामले में मंगलवार को कोटा एसीबी कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत कर दी। एसीबी ने यह मुकदमा नियम विरुद्ध तरीके से प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टे जारी करने को लेकर दर्ज किया था।
एसीबी के उपअधीक्षक तरुणकांत सोमानी ने बताया कि इस मुकदमे में लाभार्थी सत्यनारायण शर्मा और शंकरलाल माली के अलावा इंद्रगढ़ नगर पालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी भागीरथ पांचाल, तत्कालीन चेयरमैन हेमलता महावर और कनिष्ठ लिपिक भीमराज रायका के विरुद्ध एसीबी कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। इस मुकदमे में सत्यनारायण शर्मा, शंकरलाल माली, भीमराज रायका और भागीरथ पांचाल 27 नवम्बर 2020 को गिरफ्तार किया था।
तत्कालीन चेयरमैन हेमलता महावर फरार होने से एसीबी ने मंगलवार को भगोड़ा घोषित करवाकर स्थायी गिरफ्तारी वारंट लिया। सूचना पुलिस थानों में दी। इस मामले में अगली पेशी की तारीख 2 मार्च मुकर्रर की गई। पट्टे बनवाने के लिए फाइलों में कूटरचना करने और स्टाम्प बदलने को लेकर अन्य धाराएं भी नियम अनुसार जोड़ी गई।
यों खेला था ‘खेल’
29 जनवरी 2014 को नेता प्रतिपक्ष कृष्ण कुमार एवं वार्ड पार्षद गणेश गौतम ने बूंदी एसीबी में परिवाद पेश किया था, जिसमें बताया कि अध्यक्ष हेमलता महावर ने वार्ड 2 में सत्यनारायण शर्मा व शंकरलाल सैनी से लाखों रुपए लेकर इंद्रगढ़ नगरपालिका की बेशकीमती सरकारी जमीन का पट्टा इनके नाम नाजायज रूप से बना दिए। जबकि उक्त जमीन पर किसी प्रकार का कोई आवासीय निर्माण नहीं हुआ। इतना ही नहीं पट्टा जारी करने के तुरंत बाद ही इन भू-खंडों को भू-माफियाओं के नाम से विक्रय पट्टा तहसील में रजिस्टर्ड हो चुके। जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष के पति बाबूलाल महावर व अधिकारियों के साथ मिलीभगत जाहिर हुई, साथ ही नगर पालिका अध्यक्ष ने फर्जी तौर पर लाखों रुपए के यात्रा भत्ते प्राप्त किए। जबकि इन्होंने एक भी सरकारी यात्रा नहीं की।
राजस्व का नुकसान माना
इंद्रगढ़ नगर पालिका के अधिकारियों ने शंकरलाल माली को सिवायचक सेट ए पार्ट आरक्षित जमीन पर नियम विरुद्ध पट्टा जारी किया था। सत्यनारायण शर्मा को व्यवसायिक अतिक्रमण के विरुद्ध आवासीय पट्टा जारी कर लाभान्वित किया था, जिसे एसीबी ने अपनी जांच में प्रथम दृष्टया राजस्व का नुकसान माना।