बूंदीPublished: Sep 22, 2020 06:44:47 pm
पंकज जोशी
चम्बल सिचित क्षेत्र की नहरों में सिंचाई के लिए जल प्रवाह शुरू कर दिया गया है, ताकि सूखती खरीफ की फसल को बचाया जा सके।
टेल क्षेत्र के गांवों में नहरों की सफाई का कार्य प्रारंभ
टेल क्षेत्र के गांवों में नहरों की सफाई का कार्य प्रारंभ
बड़ाखेड़ा क्षेत्र की माइनरों मे जंगल उगा है
बडाखेड़ा. चम्बल सिचित क्षेत्र की नहरों में सिंचाई के लिए जल प्रवाह शुरू कर दिया गया है, ताकि सूखती खरीफ की फसल को बचाया जा सके। सीएडी प्रशासन की उदासीनता के चलते टेल क्षेत्र के गांवों में नहर की सफाई का कार्य अब शुरू हुआ है।
बड़ाखेड़ा, पापड़ी, लबान, माखीदा, पीपल्दा थाग सामारा, बहड़ावली, जाड़ला आदि गांवों में के किसान सिंचाई के लिए पानी की बाट जोह रहे हैं। माइनरो में उगी झाडिय़ां, गाजर घास, बबूल से पानी आने में परेशानी होगी। बड़ाखेड़ा क्षेत्र की माइनरों मे जंगल उगा है, टूटी फूटी नहर, उगा हुआ जंगल सीएडी प्रशासन की उदासीनता को बताता है। टेल क्षेत्र के किसानों तक नहर का पानी इसी कारण से नहीं पहुंच पाता है। टेल क्षेत्र के किसानों ने हर वर्ष नहरी पानी से वंचित रहना पडता है, ऐसे में किसानों को रबी की फसल बुवाई के लिए पानी का इन्तजार करना पड़ता है। वही पापडी जाडला माइनर की जंगल कटिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। बड़ाखेड़ा क्षेत्र के किसानों में रोष है। किमी नहर की आज तक मरम्मत नही हो पाई है।
किसानों ने बताया कि हर साल इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया जाता है, लेकिन काम हो नहीं रहा है। सैकड़ों बीघा जमीन बंजर है। पानी के अभाव में नहर का तो केवल नाम है। किसान राकेश ने बताया कि तीस साल की उम्र हो चुकी है। नहर में पानी आता कभी नहीं देखा। ट्यूबवैल से सिंचाई करते हैं। कुछ किसानों ने कर्ज के बोझ तले दबने के बाद अपनी जमीन बेच दी।