व्रत को लेकर युवाओं में आया है बदलाव
समय के साथ ही करवा चौथ में सामाजिक बदलाव भी नजर आया। यह व्रत पति पत्नी के बीच मधुर प्रेम और भावनाओं का प्रतीक है। परंपरानुसार अब तक इस व्रत को केवल महिलाएं ही करती थी, लेकिन बदले वक्त के साथ कई पुरुषों ने भी यह व्रत रखा। खासकर युवाओं में यह बदलाव नजर आया। युवाओं का कहना था कि जब पत्नी हमारे लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रख सकती है तो हम क्यों नहीं ऐसा कर सकते।
सुहागिनों ने रखा व्रत
नैनवां. सुहागिनों ने रविवार को करवा चौथ का व्रत रखा। सुहागिनों ने चांद को अध्र्य देकर पति की दीर्घायु की कामना की। दोपहर से ही बाजारों में खरीदारी की चहल पहल बनी रही। चौथमाता मन्दिर पर दर्शनों के लिए भी दिनभर तांता लगा रहा।
कापरेन. करवा चौथ पर बाजारों में रौनक नजर आई। महिलाओं ने आवश्यक खरीदारी की। सुहागिनों ने सोलह शृंगार कर अपने चांद की सलामती के लिए उपवास रखा तथा रात को चांद देखकर पूजा अर्चना की। जिसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण किया। शहर सहित देहीखेड़ा कस्बे व ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने उत्साह से करवा चौथ पर्व मनाया।
रामगंजबालाजी. तालेड़ा क्षेत्र में रविवार को करवा चौथ पर सुहागिनों में उत्साह रहा। इस दौरान बाजारों में भी करवा चौथ को लेकर महिलाओं ने खरीदारी की। वहीं मेहंदी रचाने वाली महिलाओं की भी पूछ परख रही। ब्यूटी पार्लर पर भी महिलाओं की भीड़ रही।
खटकड़. कस्बे सहित क्षेत्र में महिलाओं ने करवा चौथ पर पति की दीर्घायु की कामना की। रात्रि चंद्रोदय के बाद महिलाओं ने सज-धज कर पूजन किया और चंद्रमा को अघ्र्य दिया। छलनी में चन्द्र दर्शन कर करवा से पानी पीया और व्रत खोला।