बूंदीPublished: Sep 28, 2020 08:09:16 pm
पंकज जोशी
बरसात की बेरूखी से नैनवां के दोनों तालाब नवलसागर व कनकसागर तालाब खाली रह गए। नैनवां के आसपास एक दिन भी नदी-नालों में उफान आने जैसी बरसात नही हो पाई।
बरसात की कमी से खाली रह गए तालाब
बरसात की कमी से खाली रह गए तालाब
नैनवा. बरसात की बेरूखी से नैनवां के दोनों तालाब नवलसागर व कनकसागर तालाब खाली रह गए। नैनवां के आसपास एक दिन भी नदी-नालों में उफान आने जैसी बरसात नही हो पाई। इससे पानी की आवक ही नही हो पाई। तालाबों में पिछले वर्ष का ही पानी बचा हुआ है। वह भी दो माह में ही सूख जाएगा। नैनवां के दोनों तालाब रियातसकालीन हैं। तालाब आधे भी भर जाते है तो साल भर के लिए लोगों के लिए नहाने-धोने के लिए पानी उपलब्ध होने के साथ ही मवेशियों के लिए भी पीने का पानी उपलब्ध रहता है। नवल सागर तालाब हिलोरे लेता रहता तो तालाब की सुन्दरता में निखार आने के साथ ही तालाब के अन्दर स्थित रियासतकालीन बादलियां बाग, कुंवर नैनसिंह स्मारक व मंशापूर्ण गणेश मन्दिर की अलग ही छठा बिखरने लग जाती है। कनकसागर में उठने वाली हिलोरों से द्वारिकाधीश हर्बल पार्क, बागरियों की बगीची व नीलकंठ महादेव मन्दिर की छठा निराली लगती है। नवलसागर में कम पानी होने के बाद भी चार दशक बाद पहली बार कमल खिले हैं।