मोहन लाल गुर्जर, प्रधान, तालेड़ा मामले की प्रशासनिक जांच शुरू कर दी।रिकॉर्ड मंगवा लिया।जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।
अमानुल्लाह खान, अतिरिक्त जिला कलक्टर (सीलिंग), बूंदी
जगदीश प्रसाद, विकास अधिकारी, तालेड़ा
बूंदीPublished: Jan 17, 2020 09:54:36 pm
पंकज जोशी
बूंदी. प्रदेश सरकार के राजकीय वाहन का उपयोग करने वाले सभी अधिकारियों के वाहन की लॉगबुक प्रतिदिन वाहन चालक को भरा जाना और उसे यात्रा करने वाले अधिकारी के स्वयं हस्ताक्षर कर यात्रा प्रमाणित करना बताया, लेकिन किसी सरकारी वाहन की लॉगबुक 62 दिन तक नहीं भरी जाए, उसमें अधिकारी भी यात्रा करता रहे तो इसे हम क्या समझेंगे? यह सभी को चौंकाने वाला तथ्य हो, लेकिन यह हुआ बूंदी जिले की तालेड़ा पंचायत समिति में।
लॉगबुक खाली, सडक़ पर दौड़ रही सरकारी जीप
लॉगबुक खाली, सडक़ पर दौड़ रही सरकारी जीप
-जिला कलक्टर के पास पहुंचा मामला, जांच शुरू
-तालेड़ा विकास अधिकारी के वाहन का मामला
-खुलासा : 62 दिन तक नहीं भरी लॉगबुक
बूंदी. प्रदेश सरकार के राजकीय वाहन का उपयोग करने वाले सभी अधिकारियों के वाहन की लॉगबुक प्रतिदिन वाहन चालक को भरा जाना और उसे यात्रा करने वाले अधिकारी के स्वयं हस्ताक्षर कर यात्रा प्रमाणित करना बताया, लेकिन किसी सरकारी वाहन की लॉगबुक 62 दिन तक नहीं भरी जाए, उसमें अधिकारी भी यात्रा करता रहे तो इसे हम क्या समझेंगे? यह सभी को चौंकाने वाला तथ्य हो, लेकिन यह हुआ बूंदी जिले की तालेड़ा पंचायत समिति में।लॉगबुक को देखकर अधिकारी हैरत में पड़ गए। मामला जिला कलक्टर तक पहुंच गया और जांच जिले के अतिरिक्त जिला कलक्टर सिलिंग को सौंप दी गई। अब जांच के बाद इसका खुलासा होगा कि यह अनियमिता किसी सोची-समझी साजिश के तहत तो नहीं की गई। या फिर अधिकारियों ने खुद ही सरकार के आदेश ताक में धर दिए। यह वाहन आरजे 08, यूए 1484 अभी तालेड़ा पंचायत समिति के विकास अधिकारी के पास बताई।
2 अक्टूबर से 3 दिसम्बर तक खाली मिली लॉगबुक
आमजन की इस विषय में शिकायत के बाद 3 दिसम्बर 2019 को तालेड़ा पंचायत समिति के प्रधान मोहनलाल गुर्जर ने सरकारी वाहन के चालक देवीलाल से लॉगबुक मंगवायी तो देवीलाल ने एक साधारण डायरी में वाहन का प्रतिदिन यात्रा विवरण लिखी हुई कच्ची लॉगबुक प्रस्तुत कर दी।पूछने पर वाहन चालक ने प्रधान को बताया कि बीडीओ ने पक्की लॉगबुक केशियर को दिलवा दी।प्रधान ने जब केशियर को तलब किया और लॉगबुक देखी तो पैरों तले जमीन खिसक गई। लॉगबुक 2 अक्टूबर 2019 से लेकर 3 दिसम्बर तक 62 दिनों तक पूरी तरह खाली मिली।जबकि विकास अधिकारी वाहन का लगातार उपयोग कर रहे बताए, लेकिन लॉगबुक नहीं भरवाई गई।और न ही उपयोगकर्ता अधिकारी के रूप में यात्रा करने वाले अधिकारी ने हस्ताक्षर किए। प्रधान लॉगबुक का अवलोकन के लिए स्वयं के पास ले लिया और यह सूचना जिला परिषद के सीइओ मुरलीधर प्रतिहार को मोबाइल पर प्रेषित कर दी।
कच्ची लॉगबुक की बोलती कहानी…
पंचायत समिति के विकास अधिकारी को आवंटित सरकारी वाहन के चालक ने स्वयं लिखित डायरी की कच्ची लॉगबुक प्रस्तुत की। उसमें पंचायत समिति के सरकारी वाहन का नियम विरुद्ध दुरुपयोग सामने आया। नियमानुसार पंचायत समिति के सरकारी वाहन को विकास अधिकारी राजकार्य से पंचायत समिति की सीमा में ही ले जा सकते थे, लेकिन वाहन चालक की ओर से दिए गए लिखित विवरण में सरकारी वाहन को विकास अधिकारी कई बार कोटा अपने निवास पर सुबह लेने जाने व शाम को छोडऩे जाने का विवरण भी सामने आया।
लॉगबुक खाली और डीजल की पर्चियां भरी
एक तरफ जहां वाहन की लॉगबुक नियम विरुद्ध तरीके से खाली रखी गयी। वहीं उक्त सरकारी वाहन में सरकारी राशि से जो डीजल भरवाया गया उसमें दस्तावेजों पर विकास अधिकारी व चालक के हस्ताक्षर बताए।यह भी आश्चर्यजनक जिस तारीख को वाहन की लॉगबुक ही नहीं भरी गयी, उसी तारीख को सरकारी वाहन में विकास अधिकारी व वाहन चालक के हस्ताक्षर से डीजल भरवाया गया।