बूंदीPublished: Apr 20, 2021 09:06:12 pm
पंकज जोशी
दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन की सरकारी चीनी मिल चौराहा रेलवे फाटक पर चल रहे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चलने से व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
लंबे समय बाद भी नहीं निकला समाधान
लंबे समय बाद भी नहीं निकला समाधान
मिल फाटक पर रेलवे ओवरब्रिज का मामला
केशवरायपाटन. दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन की सरकारी चीनी मिल चौराहा रेलवे फाटक पर चल रहे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चलने से व्यवस्था बिगड़ी हुई है। ओवरब्रिज निर्माण का कार्य शुरू होते ही कई समस्याएं खड़ी हुई, जिनका समाधान जरूरी था, लेकिन प्रशासन उन समस्याओं का समाधान नहीं कर पाया। मिल चौराहे पर दो वर्ष से चल रहे निर्माण कार्य ने लोगों के सामने कई बाधाएं खड़ी कर रखी है। रेलवे ओवरब्रिज क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का भी समाधान प्रशासन नहीं कर पा रहा है। जिससे लोग चिंतित है। यहां पर वर्ष 2019 में निर्माण कार्य शुरू किया गया था जो 6 महीने तक तो लोगों के विरोध के कारण ही बंद रहा। दुबारा कार्य शुरू किया तो वह गति नहीं पकड़ पाया। धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य से मिल चौराहे पर कोटा दौसा स्टेट मेगा हाइवे व केशवरायपाटन बूंदी सडक़ मार्ग पर कई बार वाहन आड़े तिरछे फंसने से जाम लग जाता है।
व्यापारियों की बढऩे लगी धडकऩे :दिल्ली मुंबई रेलवे लाइन फाटक को बंद करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने सरकारी चीनी मिल चौराहे पर ओवरब्रिज बनाने का निर्णय किया था। इस कार्य को सार्वजनिक निर्माण विभाग करवा रहा है। निर्माण कार्य शुरू होते ही खटकड़ तिराहे से लेकर पंचायत समिति के पास तक सडक़ किनारे गुमटियां लगाकर व्यापार करने वाले छोटे, बड़े व्यापारियों, सब्जी विक्रेताओं व फुटपाथ पर दुकान लगाकर आजीविका चलाने वाले लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया था। इसके समाधान के लिए इन लोगों ने आंदोलन कर जनप्रतिनिधियों से न्याय गुहार लगाई, लेकिन इनकी किसी ने भी नहीं सुनी। झूठे आश्वासनों पर आंदोलन तोडऩे के बाद यह लोग अब न्याय के इंतजार में हैं। ज्यों ज्यों निर्माण कार्य आगे बढ़ता जा रहा है त्यों त्यों इन लोगों के धडकऩें बढ़ती जा रही है। मिल चौराहे पर 3 दर्जन से अधिक दुकानें, 2 दर्जन से अधिक मकान निर्माण कार्य की जद में आए हुए हैं। वैसे तो इन लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर गुमटियां लगाई है, लेकिन 40 वर्षों से कमाकर खाने वाले यह परिवार अब संकट में आ चुके हैं। निर्माण कार्य करने वाली कंपनी ने सरकारी चीनी मिल चौराहे के सामने सडक़ के किनारे टापरियां बनाकर रहने वाले गाडिय़ां लुहारों के परिवारों को तो भगा दिया है, लेकिन प्रशासन सडक़ के किनारे गुमटियां लगाने वाले लोगों की समस्या का समाधान नहीं कर पाया।