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पाप और धर्म के फल से आज सुखी एवं दुखी

locationबूंदीPublished: Feb 12, 2020 12:19:12 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

शहर के देवपुरा स्थित संभवनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में प्रवचन करते हुए मुनि विश्रान्त सागर महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति पाप में कुलता है,

पाप और धर्म के फल से आज सुखी एवं दुखी

पाप और धर्म के फल से आज सुखी एवं दुखी

बूंदी. शहर के देवपुरा स्थित संभवनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में प्रवचन करते हुए मुनि विश्रान्त सागर महाराज ने कहा कि जो व्यक्ति पाप में कुलता है, पुण्य में फूलता है, धर्म को भूलता है वह हमेशा दुखों को प्राप्त होता है। जिसको संतों के प्रति आस्था नहीं वह संसार में चौरासी लाख योनियों में भ्रमण करते हुए भयंकर दुखों को भोगता है। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान में धर्मात्मा पुरुष दुखी और पापी व्यक्ति सुखी देखे जाते है। इसका अर्थ ये नहीं है कि वह धर्म से दुखी है, बल्कि पूर्व कर्म, पाप और धर्म के फल से आज सुखी एवं दुखी है। यदि धर्म करने से दुख होता तो राम, महावीर जैसे महापुरुष धर्म नहीं करते। कष्ट तो राम, सीता, पाŸवनाथ पर भी आए क्योंकि पूर्व में कोई अशुभ कर्म किया होगा, लेकिन उन्होंने वर्तमान मे धर्म किया, साधना की, तपस्या की जिससे वे परमात्मा बनकर सुख भोग रहे हंै।
महाराज का मंगल प्रवेश
आचार्य विनीत सागर महाराज एवं मुनि दिव्य समर्पण सागर महाराज ने मंगलवार सुबह सथूर से विहार कर चौगान मन्दिर आश्रम में मंगल प्रवेश किया। इस दौरान समाज के अध्यक्ष ओमप्रकाश बडज़ात्या, मंत्री राजेंद्र छाबड़ा, कोषाध्यक्ष विमल कटारिया, मुनि व्यवस्था समिति के संयोजक सुरेंद्र छाबड़ा, महिला मण्डल की अध्यक्ष सुमन बाकलीवाल आदि मौजूद थे।

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