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मेडिकल कॉलेज को लेकर सरकार की हरी झंडी, राज्यमंत्री कार्यालय के बाहर आतिशबाजी

locationबूंदीPublished: Oct 12, 2019 12:27:21 pm

बूंदी के मेडिकल कॉलेज का तालाबगांव में बनना लगभग तय हो गया।

मेडिकल कॉलेज को लेकर सरकार की हरी झंडी, राज्यमंत्री कार्यालय के बाहर आतिशबाजी

मेडिकल कॉलेज को लेकर सरकार की हरी झंडी, राज्यमंत्री कार्यालय के बाहर आतिशबाजी

बूंदी.हिण्डोली. बूंदी के मेडिकल कॉलेज का तालाबगांव में बनना लगभग तय हो गया। राज्य सरकार की ओर से तालाबगांव में आवंटित जमीन पर ही कॉलेज निर्माण को हरी झंडी के बाद शुक्रवार को हिण्डोली में लोगों ने आतिशबाजी की। वहीं बूंदी नगर परिषद के पेराफैरी क्षेत्र में कॉलेज नहीं बनने से लोगों में काफी निराशा दिखी।
सोशल मीडिया पर लोग दिनभर सरकार और यहां के जनप्रतिनिधियों को कोसते रहे। लोगों का इस मामले में तर्क था कि मेडिकल कॉलेज शहर के पेराफैरी क्षेत्र में बनने और जिला चिकित्सालय के करीब होने से अधिक फायदा रहता। तालाबगांव में बनने से कई तरह के संकट झेलने पड़ेंगे। आस-पास माइंस एरिया होने से मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर को लेकर लोगों में चिंता बढ़ा गई। इधर, तालाबगांव में आवंटित 63 बीघा जमीन पर ही कॉलेज निर्माण की सूचना आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिण्डोली में राज्यमंत्री अशोक चांदना के कार्यालय के बाहर आतिशबाजी की। लोगों का मुंह मीठा कराया। यहां कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि जयपुर से संकेत मिल चुके, मेडिकल कॉलेज का निर्माण तालाबगांव की जमीन पर होगा। बूंदी से गई टीम की रिपोर्ट और जिला प्रशासन के तालाबगांव में 63 बीघा जमीन आवंटित करने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे हरी झंडी दे दी।
निर्णय पर पुनर्विचार हों
इधर, बूंदी में सरकार के इस निर्णय पर फिर से पुनर्विचार की मांग ने जोर पकड़ लिया। यहां लोगों ने बताया कि बूंदी की जनता की आवाज को इस प्रकार दबाया नहीं जा सकता। मेडिकल कॉलेज नगर परिषद के पेराफैरी क्षेत्र में बनें।बूंदी लोकसभा क्षेत्र के लिए आया मेडिकल कॉलेज अन्य लोकसभा क्षेत्र में बना देने से यहां की जनता के हितों पर सीधा कुठाराघात होगा।

अभिभाषक परिषद कलक्टर से मिली
अभिभाषक परिषद ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को पत्र सौंपा जिसमें मेडिकल कॉलेज बूंदी-चित्तौड़ मेगा हाई-वे पर खाली पड़ी 150 बीघा जमीन पर बनाने की मांग की। परिषद ने बताया कि पोलेटेक्निक कॉलेज के सामने खाली पड़े इस भू-खंड पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण हों। इस शांत इलाके में मरीजों के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। जिला कलक्टर को पत्र सौंपने के दौरान परिषद के अध्यक्ष कैलाशचंद नामधराणी, सचिव नगेन्द्र सिंह हाड़ा, धनराज प्रजापत, मदनलाल जैन आदि सहित कई जने मौजूद थे।

जिन जनप्रतिनिधियों के कंधों पर जनता ने जिम्मेदारी सौंपी है, उनके इस मामले में चुप्पी साध लेना जनता के हितों पर कुठाराघात है। मेडिकल कॉलेज के लिए तालाबगांव कतई उचित नहीं होगा। सरकार इस मसले पर बूंदी के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए विचार करें।
हरिमोहन शर्मा, पूर्वमंत्री

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