अग्निशमन यंत्र में पानी तक नहीं मिला और ना ही अस्पताल में आग बुझाने की कोई हलचल दिखी। अस्पताल की अव्यवस्था देख जिला कलक्टर रेणु जयपाल प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ.राकेश तनेजा को जमकर फटकार लगाई और आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। जब बाद में जिला प्रशासन की ओर से आग लगने पर मॉक ड्रिल की सूचना लगी तो सभी ने राहत की सांस ली।
बूंदी के जिला अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में लगी आग पर जल्द काबू पाने के लिए सोमवार को मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें आग लगने के समय मरीजों को सुरक्षित निकालने के साथ ही आग पर कैसे काबू पाया जाए, इस पर ऑपरेशन किए गए। अधिकारियों और कर्मचारियों की फुर्ती को भी परखा गया। आग लगने की सूचना मिलते ही जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक जय यादव, अतिरिक्त जिला कलक्टर करतार ङ्क्षसह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरीलाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.महेंद्र कुमार त्रिपाठी सहित संबंधित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
अस्पताल पहुंचने के बाद जिला कलक्टर ने ट्रोमा वार्ड में लगे रहे फायर सेफ्टी तंत्र को जांचा, लेकिन यहां आग बुझाने के लगे संसाधन चालू नहीं मिले। फायर सिस्टम पर ताला लटका हुआ मिला, न ही उसमें पानी मिला। चाबी की पूछने पर पीएमओ सही जवाब नहीं दे सके। आग बुझाने के संसाधन में अस्पताल तंत्र फैल रहा। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि अगर समय पर संसाधन को जांचते तो यह नौबत नहीं आती। सिस्टम को देखकर ऐसा लग रहा कि कई दिनों से इसका उपयोग में नहीं लिया गया। आग लगने की सूचना पर वार्ड बाय ने भी स्ट्रेचर के जरिए कोई एक्शन नहीं लिया। सिविल डिफेंस वाले भी पहुंचे, लेकिन बिना हथियार के आए जिसको लेकर कलक्टर ने नाराजगी जाहिर की। जिला कलक्टर ने अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर पीएमओ को फटकार लगाई और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही जिला कलक्टर ने लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए। मॉक ड्रिल के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए
यह तो मॉक ड्रिल थी, घटना हो जाती थी तो क्या करते
जिला अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में आग लगने की सूचना जिसे लगी वो अस्पताल की ओर दौड़ता हुआ नजर आया। जिला अस्पताल के हालातों को देखकर जिला कलक्टर ने गहरी नाराजगी जताई और कहा यह तो मॉक ड्रिल थी, लेकिन हकीकत होती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था। जान माल का नुकसान होता, उसका जिम्मेदार कौन होता था। जिला कलक्टर ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी पर जमकर बिफरी। चाबी के जवाब में अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा कि चाबी के लिए एक काउंटर बनाओ, ताकि एक ही जगह मिल सके।
आग बुझाने के सयंत्र की खुली पोल, ठेकेदार का ठेका करो निरस्त
जिला कलक्टर ने ट्रोमा वार्ड में लगे अग्निशमन यंत्र को जांचा। इसमें पानी नहीं मिलने पर जिला कलक्टर ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से पूछा बताओ पीएमाओं साहब क्या है यह। यह सिस्टम तो काम ही नहीं कर रहा। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कलक्टर के सवाल का जवाब नहीं दे सके। सिस्टम चलाने के लिए ठेकेदार को बुलाया गया लेकिन वो स्वयं ही सिस्टम नहीं चला पाया। इस पर कलक्टर ने पीएमओ से ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए।