आधुनिक तरीके से कमा रहे मोटा मुनाफा
भारत की लगभग 60 फीसदी आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई है।

आधुनिक तरीके से कमा रहे मोटा मुनाफा
जजावर. भारत की लगभग 60 फीसदी आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खेतीबाड़ी से जुड़ी हुई है। जो अब धीरे-धीरे कम होने को जा रही है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह खेती-बाड़ी का किसानों के लिए घाटे का सौदा हो जाना है। लेकिन कुछ ऐसे भी किसान हैं जो पारंपरिक तरीके से खेती करने की बजाय आधुनिक तरीके से खेती कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ ऐसा ही बून्दी जिले के बिजलबा गांव के युवा किसान सोभागमल मीणा ने कर दिखाया है। जिले के प्रगतिशील किसानों में से एक सोभागमल ने आधुनिक तरीके से बागवानी करके हर साल प्रति एकड़ लाखों रुपए कमा रहे हैं और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।
बिजलबा गांव निवासी सोभागमल ने अपनी चार हैक्टेयर अर्थात करीब पच्चीस बीघा जमीन में 2012 में अमरूद के इलाहाबादी सफेदा (गोला बर्फ खान) किस्म के करीब 1220 पौधे लगाए । शुरुआती 3 सालों के बाद वह इन अमरूदों की खेती द्वारा लाखों की कमाई कर रहे हैं । मीणा का 2022 से पहले की दस गुना आय प्राप्त करने का लक्ष्य है। वर्तमान में वो अपनी आमदनी को दोगुना नहीं बल्कि 6 गुणा करके दिखा दिया है। सोभागमल बीएड डिग्री धारक है। उन्होंने अध्यापक बनने के बजाय खेती की ओर रुख किया।
चार हैक्टेयर पर फलों की बिछायी जमात
सोभागमल ने चार हैक्टेयर खेत पर अमरूद के साथ विभिन्न प्रकार के पौधे लगा रखे है। उन्होंने अमरूद के 1220 ,थाई एप्पल के 300 , अनार के बीस, संतरा के 40, बील के 30,करुंदा के 20 व अंजीर के 5 पेड़ लगा चुके हैं। इसी के साथ खुद किसान अपने खेत पर ही नर्सरी तैयार की है। जिसमें 12000 पौधे अमरूद के तैयार किए हैं।
सरकारी अनुदान से मिला संबल
किसान सोभागमल मीणा ने बताया कि इस पूरी चार हैक्टेयर की खेती पर खर्चे की बात करें तो करीब 40 लाख रुपए खर्च हो गए, लेकिन कृषि विभाग व सरकार द्वारा दिए गए अनुदान से काफी संबल मिला।
मीणा ने बताया कि सामुदायिक फार्म पोंड पर साढ़े सात लाख, पैक हाउस पर एक लाख साठ हजार, पौधे पर अस्सी हजार रुपए का अनुदान, सोलर ऊर्जा पर चार लाख तीस हजार रुपए का, प्याज भंडार 87 हजार का ,वर्मी कंपोस्ट इकाई पर 50 हजार रुपये का ,ट्रैक्टर पर डेढ़ लाख का ,ड्रिप सिस्टम पर 1 लाख आदि का अनुदान कृषि विभाग द्वारा मिला।
वहीं राष्ट्रीय बागवानी मिशन के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल खोज पर 45 हजार रुपए का अनुदान मिला।
यो बढ़ता गया आय के साथ सम्मान का कारवां
किसान के अनुसार प्रथम तीन वर्षों में बगीचे में इंटर क्रोपिंग कर सामान्य खेती अनुरूप के कमाई होती रही। चौथे वर्ष में तीन लाख, पांचवे वर्ष में 5 लाख चालीस हजार, छठे वर्ष में पांच लाख 61 हजार व सातवें वर्ष में 8 लाख 70 हजार की कमाई की। सोभागमल का 2022 तक 10 गुणा आय प्राप्त करने का लक्ष्य है। इसी के साथ कृषि विभाग ,राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित हो चुके हैं।
बिजलबा निवासी सोभागमल प्रगतिशील किसान है। इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लगन के साथ बागवानी खेती अपनाई। इनकी मेहनत को देखते हुए कृषि विभाग ने समय समय पर अनुदान भी दिलवाया है। ये अन्य किसानों के लिए प्रेरणा के तौर पर काम कर रहे हैं।
रतन लाल मीणा,सहायक निदेशक, कृषि विभाग बून्दी
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