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आधुनिक संगीत मेंलुप्त हो रहा राउठा वादन

locationबूंदीPublished: Jan 07, 2020 12:46:24 pm

Submitted by:

Narendra Agarwal

भले ही आज के दौर में लोगों के मनोरंजन कि जगह मोबाइलों ने ले ली हो। लेकिन जब भी पुराने वाघ यंत्र ओर उनका वादन कर कोई भजन सुनाने आ जाए तो उस दोर के बुजुर्गों का दिल खुश हो उठता है।

आधुनिक संगीत में लुप्त हो रहा राउठा वादन

आधुनिक संगीत में लुप्त हो रहा राउठा वादन

– अब नहीं रहे राउठा वादन के कदरदान
नोताडा.भले ही आज के दौर में लोगों के मनोरंजन कि जगह मोबाइलों ने ले ली हो। लेकिन जब भी पुराने वाघ यंत्र ओर उनका वादन कर कोई भजन सुनाने आ जाए तो उस दोर के बुजुर्गों का दिल खुश हो उठता है। मंगलवार को नोताड़ा में बारां जिले के काचरी गांव निवासी बाबुलाल नायक राउठा लेकर पहुंचा ओर घर घर पहुचकर अपने राउठा को बजाकर भजन सुनाया तो लोग मंत्रमुग्ध हो गया। इस दौरान लोगों ने उसे मुठ्ठी भर अनाज मिल भी दिया।
बाबूलाल ने बताया कि आज के दौर में पुराने समय कि कला कि कदर नहीं रही। हमारी सात पीढ़ी इस कार्य को करती आ रहीं हैं लेकिन इसमें अब पहले जैसी बात नहीं है पहले इससे हमारा पेट पालन हो जाता था। लोग बढे चाव से एकत्र होकर, देवजी, तेजाजी, भैरुजी, आदि देवताओं कि जन्मलीला राउठा पर सुनते थे ओर उचित इनाम देते थे। उस समय में मनोरंजन के साधन नहीं थे। उस वक्त हमारी कला की बहुत कदर हुआ करती थी। वही ं नोताड़ा में श्याम चौराहे पर बुजुर्गों ने एकत्र होकर राउठा पर बादन कर रहे बाबुलाल से महादेवजी का ब्यावला सुना ओर इनाम के तौर पर सहयोग राशी एकत्र कर सौंपी

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