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अस्थि कलश विसर्जन को रवाना हुए तो अपनों की छलकी आंखें

locationबूंदीPublished: Jun 20, 2021 08:33:02 pm

कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में जिलेभर में काल का ग्रास बने अपनों की अस्थियां जब मां गंगा में प्रवाहित होने शनिवार को ‘छोटीकाशी’ से रवाना हुई तो कई लोगों की रुलाई फूट पड़ी। इन अस्थियों को रविवार को गंगा दशमी के पवित्र दिन गंगा में विसर्जित किया जाएगा। यह हो सका राजस्थान पत्रिका के महामारी से महामुकाबला अभियान के तहत। अभियान से प्रेरित होकर विश्व हिंदू परिषद ने यह काम अपने हाथ लिया और 75 अस्थि कलश गंगा में विसर्जित करने 2 बसों से हरिद्वार रवाना हुए।

अस्थि कलश विसर्जन को रवाना हुए तो अपनों की छलकी आंखें

अस्थि कलश विसर्जन को रवाना हुए तो अपनों की छलकी आंखें

अस्थि कलश विसर्जन को रवाना हुए तो अपनों की छलकी आंखें
विहिप ने की नि:शुल्क व्यवस्था : ‘छोटीकाशी’ से 75 जनों के अस्थि कलश के साथ रवाना हुए परिवारजन
कोविड संक्रमण की दूसरी लहर में जिलेभर में काल का ग्रास बने अपनों की अस्थियां जब मां गंगा में प्रवाहित होने शनिवार को ‘छोटीकाशी’ से रवाना हुई तो कई लोगों की रुलाई फूट पड़ी। इन अस्थियों को रविवार को गंगा दशमी के पवित्र दिन गंगा में विसर्जित किया जाएगा। यह हो सका राजस्थान पत्रिका के महामारी से महामुकाबला अभियान के तहत। अभियान से प्रेरित होकर विश्व हिंदू परिषद ने यह काम अपने हाथ लिया और 75 अस्थि कलश गंगा में विसर्जित करने 2 बसों से हरिद्वार रवाना हुए। इस दौरान अस्थि कलश के साथ एक परिवारजन को भी लेकर गए। यह सारी व्यवस्था नि:शुल्क की गई। इनमें आधा दर्जन अस्थि कलश ऐसे भी लेकर गए, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं रहा। इस पुनित काम को होता देख सभी ने बढ़चढकऱ विहिप कार्यकर्ताओं की मदद की। अस्थि कलश लेकर परिवारजन शहर के महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण चौराहे से रवाना हुए। इससे पहले सभी को शहर के आजाद पार्क में सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भोजन के पैकेट वितरित किए। फिर अस्थि कलश पर मालाएं चढ़ाई गई और शहर के गणमान्य लोगों ने बसों को रवाना कराया।
राजस्थान पत्रिका ने साबित कर दिया ‘यह घर का सदस्य’
अस्थियों को घरों की खूंटियों, पेड़ों, मंदिरों या फिर मुक्तिधाम के लॉकर में रखे हुए था
बूंदी. राजस्थान पत्रिका की ओर से छेड़ी गई मुहिम की हर किसी ने खुले मन से प्रशंसा की। जब महामारी में अस्थियों के विसर्जन को लेकर कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था, ऐसे समय में पत्रिका की एक खबर ने रास्ता दिखा दिया। कई परिवार ऐसे थे जो परिजनों की अस्थियां गंगा मां में ही प्रवाहित करना चाह रहे थे, लेकिन हालात साथ नहीं दे रहे थे। ऐसे में अस्थियों को घरों की खूंटियों, पेड़ों, मंदिरों या फिर मुक्तिधाम के लॉकर में रखा हुए था। इन्हें रखे-रखे कई दिन हो गए थे।
सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि रिश्तेदार साथ जाने को तैयार नहीं हो रहे थे, ऐसे समय में राजस्थान पत्रिका ने यह साबित कर दिया कि वह अखबार नहीं बल्कि घर का सदस्य है। पत्रिका ने उस पीड़ा को समझा जिसे वर्तमान हालातों में शायद सरकार भी नहीं समझ पा रही थी। सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जो मुहिम छेड़ी और उसे अंजाम तक पहुंचाया इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम ही होगी। मनीष शर्मा ने कहा कि पत्रिका शुरुआत से ही सामाजिक सेवा के कार्यों में अग्रणी रहा है। इस महामारी में भी सामाजिक संस्थाओं को लगातार लोगों की मदद के लिए प्रेरित करता रहा। इससे कई लोगों को इलाज तक में मदद मिली। ऑक्सीजन के प्लांट तक लगाना संभव हो सके।
यह कार्यकर्ता गए साथ
विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष महेश जिंदल की अगुवाई में जिलामंत्री मांगीलाल गोचर, कोषाध्यक्ष ओम शर्मा, व्यायामशाखा प्रमुख योगेश खंगार, अमन जिंदल, लोकेश सुमन, विनोद शृंगी, आशीष यादव, लोकेश शर्मा एवं मनुज शर्मा अस्थि कलश के साथ हरिद्वार रवाना हुए।
कोई भूखा नहीं रहे
अस्थियां लेकर रवाना हुए परिवारजनों को आजाद पार्क परिसर में भोजन के पैकेट वितरित किए गए। भोजन के पैकेट की व्यवस्था सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चंद शर्मा एवं मनीष शर्मा ने की। ताकि कोई भूखा नहीं रहे।
गणमान्य लोगों ने दिखाई झंडी
शहर के महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण चौराहे से दोनों बसों को शहर के गणमान्य लोगों ने केसरिया झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर आढ़तिया संघ अध्यक्ष हनुमान माहेश्वरी, संरक्षक गणेशलाल शर्मा भाया, शशि ओझा, रोहित झालानी, चावल उद्योग संघ के मदनलाल शर्मा, भाजपा नेता कुंजबिहारी बील्या, रामेश्वर मीणा, के.सी. वर्मा, माहेश्वरी युवा संगठन के जिलाध्यक्ष नरेश लाठी, प्रवेश मूंदड़ा, निशांत नुवाल, पेंशू सिंह, भगवान लाड़ला, वरिष्ठ पार्षद टीकम जैन, देवराज गोचर व संदीप देवगन, संतोष कटारा, मनोज गौतम, मनीष सिसोदिया, आरएसएस के विभाग प्रचारक मनोज प्रताप, प्रांत मठ मंदिर प्रमुख प्रहलाद भारती, विहिप जिलाध्यक्ष नंदलाल वर्मा, सेवा भारती के विभाग मंत्री मोहन सालवी, सेवा भारती के जिला मंत्री इंद्रनारायण शर्मा, विहिप जिला सेवा प्रमुख कृष्णमुरारी चतुर्वेदी, आरएसएस नगर कार्यवाह धनराज आदि मौजूद थे। पत्रिका ब्यूरो प्रभारी नागेश शर्मा ने गणमान्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
जाने-आने और खाने की व्यवस्था नि:शुल्क
गंगा में अस्थियां विसर्जित करने की सारी व्यवस्थाएं नि:शुल्क की गई। जो परिवार जन अस्थि कलश लेकर दोनों बसों में रवाना हुए, जिन्हें किसी प्रकार का खर्चा वहन नहीं करना पड़ेगा। इसमें आने-जाने की सुविधा के साथ-साथ रात्रि विश्राम और भोजन व पानी की व्यवस्था भी विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ता जुटाकर देंगे। यहां तक गंगा किनारे सामूहिक पूजन की व्यवस्था भी परिषद की ओर से ही की जाएगी। इन तमाम कार्यों में विहिप की टीम जुटी रहेंगी।
पुनित कार्य में किया बढ़चढकऱ सहयोग
बसों की व्यवस्था आढ़तिया संघ व श्री चावल उद्योग संघ व स्वयं सेवियों ने की। अन्य व्यवस्थाओं को जुटाने में माहेश्वरी युवा शाखा, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा, सर्राफा व्यवसायी अशोक गर्ग, पंचानंद मालू, मंडी व्यापारी कृष्ण कुमार पोद्दार आदि ने सहयोग किया।
सेवा से बढकऱ इस जीवन काल में पुण्य का काम नहीं। सरकार के भरोसे बैठे रहने से मदद नहीं हो सकती। ऐसे अवसरों के लिए सामाजिक संगठनों को आगे रहना चाहिए। विहिप कार्यकर्ताओं ने अस्थि विसर्जन का यह काम हाथ लिया तो कई असहायों की मदद हो सकी।
कृष्णमुरारी चतुर्वेदी, जिला सेवा प्रमुख, विहिप
इस काम से पूरे प्रदेश को प्रेरणा मिलेगी। राजस्थान पत्रिका के अभियान से प्रेरणा लेकर विहिप ने वाकई सामाजिक सेवा काम किया। आगे भी इस प्रकार के सेवा कार्य चलते रहने चाहिए। इसमें आर्थिक परेशानी कहीं आढ़े नहीं आएगी। इस भयंकर महामारी में कई अपने छोड़ गए। बच्चे अनाथ हो गए। लोगों को ऐसे समय पर जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए।
गणेशलाल शर्मा ‘भाया’, संरक्षक, आढ़तिया संघ, बूंदी
सामाजिक सेवा के कार्यों में विहिप कार्यकर्ता शुरुआत से ही अग्रणी भूमिका में रहे हैं। महामारी से हम तभी जीत पाएंगे, जब सभी के मन में सेवा और एक दूसरे की मदद की भावना जागेगी। सभी को सुरक्षित रहकर दूसरों की मदद करनी चाहिए। बूंदी के कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम हाथ लिया।
मुकेश जोशी, विभाग मंत्री, विहिप
बूंदी में जरूरतमंदों की सेवा की भावना शुरुआत से ही रही है। विश्व हिंदू परिषद और सामाजिक संस्थाएं मिलकर सेवा कार्य करती रही है। इस महामारी के दौर में कई लोग अपने परिजनों की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने जाने में असमर्थ हो गए थे। ऐसे लोगों की मदद के लिए विहिप कार्यकर्ता आगे आए हैं। इससे दर्जनों परिवारों को तसल्ली मिलेगी।
रामेश्वर मीणा, महामंत्री, पेंशनर्स समाज, बूंदी
इस महामारी में जब अपने भी दूर हो गए, ऐसे समय में बूंदी नगर परिषद ने शवों का अंतिम संस्कार कराया। सभापति स्वयं व्यवस्थाओं को मॉनिटरिंग करती रही। किसी को परेशानी नहीं आने दी। कोविड या कोविड संदिग्धों के अंतिम संस्कार का सारा खर्चा नगर परिषद ने वहन किया। ऐसे अवसरों पर मदद के लिए सभी को आगे आना चाहिए।
निशांत नुवाल, अध्यक्ष, लॉयंस क्लब, बूंदी

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