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मयखानों से ठेकेदारों का हो गया मोहभंग, जानें क्या रहा कारण

locationबूंदीPublished: Feb 23, 2021 07:05:31 pm

शराब ठेके के लिए आवेदन को लेकर इस वर्ष बूंदी जिले के शराब ठेकेदारों में रुझान नहीं दिख रहा हैं। गत वर्ष जहां 5 हजार के करीब आवेदन आए थे तो वहीं इस वर्ष 400 के करीब ही आवेदन आए हैं।

मयखानों से ठेकेदारों का हो गया मोहभंग, जानें क्या रहा कारण

मयखानों से ठेकेदारों का हो गया मोहभंग, जानें क्या रहा कारण

मयखानों से ठेकेदारों का हो गया मोहभंग, जानें क्या रहा कारण
गत वर्ष से कम आए आवेदन, विभाग चिंतित,पांच दिवसीय ई-बोली आज से होगी शुरू
ऑनलाइन ठेकेदार लगाएंगे बोली
बूंदी. शराब ठेके के लिए आवेदन को लेकर इस वर्ष बूंदी जिले के शराब ठेकेदारों में रुझान नहीं दिख रहा हैं। गत वर्ष जहां 5 हजार के करीब आवेदन आए थे तो वहीं इस वर्ष 400 के करीब ही आवेदन आए हैं। जिसमें से भी मात्र 85 ठेकेदारों ने रजिस्टे्रशन कराकर राशि जमा कराई है। इस बार सरकार ने दुकानों को कंपोजिट कर दिया है। आवेदन कम आने से विभागीय अधिकारी चिंतित नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बार ऑनलाइन ई-बोली के जरिए दुकानें पांच फेज में ठेकेदार को आवंटित होगी। जबकि गत वर्ष लॉटरी के जरिए दुकानों का आवंटन हुआ था। इस बार पांच दिन तक ऑनलाइन ई-बोली लगेगी।
हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि इस बार पांच दिनों की नीलामी में रुझान बढ़ेगा। हर दिन आवेदन में बढ़ोतरी होगी। 23 फरवरी से ऑनलाइन ई-बोली की शुरुआत होगी। पहले फेज के लिए 101 दुकानों का ऑक्शन होगा। जिसको लेकर विभाग ने सभी तैयारी पूर्ण कर ली है। माना जा रहा है कि नई आबकारी नीति के तहत ठेकेदारों को शराब की दुकान चलाने में कठिनाइयां आ सकती हैं, जिसके चलते शराब की दुकान के लिए आवेदन करने में शराब ठेकेदार रूचि नहीं दिखा रहे हैं। वहीं बड़े गु्रपों को भी सरकार ने छोटा कर दिया है।
जिले में इस वर्ष 155 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। बूंदी जिले में 195 दुकानें हैं। नीलामी प्रक्रिया सभी जोन की अलग-अलग दुकानों की अलग-अलग ऑनलाइन नीलामी होगी। 23 से 27 फरवरी तक रोजाना सुबह 11 से 4 बजे तक ई-बोली के जरिए नीलामी होगी। दुकानों की न्यूनतम रिजर्व प्राइज से ही बोली शुरू होगी। बोलीदाता को कम से कम 5 हजार रुपए बढ़ाकर बोली लगानी होगी। जो ठेकेदार सबसे ज्यादा बोली लगाएगा, उसको दुकान आवंटित की जाएगी।
यह रहेगी राशि
आबकारी विभाग के अनुसार किसी दुकान की मिनिमम रिजर्व प्राइज 50 लाख रुपए है तो आवेदन के लिए 40 हजार और धरोहर राशि के 50 हजार रुपए बोली में शामिल होने के लिए भरने होंगे। इसी प्रकार किसी दुकान का मिनिमम रिजर्व प्राइज अगर 50 लाख से 2 करोड़ रुपए तक है तो उसके लिए आवेदन शुल्क 50 हजार और धरोहर राशि 1 लाख रुपए होगी और 2 करोड़ से अधिक वाली मिनिमम रिजर्व प्राइज वाली दुकान के लिए बोली में हिस्सा लेने के लिए आवेदन शुल्क 60 हजार रुपए और धरोहर राशि 2 लाख रुपए होगी।
पहले दिन 101 दुकानों की लगेगी बोली
आबकारी विभाग के अनुसार पहले दिन 101 दुकानों के लिए बोली लगाई जाएगी। संबंधित ठेकेदार कहीं पर भी बैठकर ऑनलाइन के जरिए दुकान ले सकेगा। इच्छुक ठेकेदारों ने अपनी मन पंसद दुकान के लिए रजिस्टे्रशन करा लिया है। इसमें से करीब 52 ठेकेदार ने ही पैसा जमा कराया है। जो ऑक्शन में भाग ले सकेंगे।
ई-बोली में कम हुई रूचि
नई आबकारी नीति में परिवर्तन होने से इस बार सिर्फ ठेकेदार की रूचि दिखा रहे है। हर कोई ई-ऑक्सन के चलते आवेदन नहीं कर रहा है। पहले लॉटरी प्रक्रिया के चलते हर कोई व्यक्ति आवेदन भर देता था और दुकान खुलने पर किसी को भी बेच देता था, लेकिन इस बार जो ट्रेेनर इस व्यवसाय से जुड़े हंै वहीं रूचि दिखा रहे हैं।
सबसे सस्ता आंतरदा
जिले में जहां करोड़ों में दुकानों की बोली लगेगी तो वहीं लाखों में भी ठेकेदार खेल खेलेंगे। आंतरदा में सबसे सस्ती 20 लाख की दुकान है। इसके अलावा सुनगर में 22 लाख व गुढ़ाजी में 27 लाख की दुकानें हैं। वहीं जाखमूंड, अरनेठा, रामगंज व गुढ़ादेव जी की दुकानों के लिए 2-2 आवेदन आए हैं।
डाबी में अब चार होंगे ठेकेदार
इस बार सरकार ने बड़े गु्रप को खत्म कर दिया है। छोटे-छोटे रूप में दुकानों को बांट दिया है। आबकारी विभाग को लिए जहां डाबी अच्छी कमाई देता है। उसके भी चार टुकड़े कर दिए हैं। अब डाबी में चार लाइसेंस धारक रहेंगे। डाबी की दुकानों के लिए कई आवेदन लगाए जाते हैं। उक्त दुकानों का एक ही ठेकेदार होता था, लेकिन अब नई आबकारी नीति में परिवर्तन होने के साथ चार टुकड़े कर दिए गए हैं। पहले 6 करोड़ 40 लाख रुपए के आसपास दुकान ठेकेदार को चली जाती थी। अब चार दुकानों के अलग-अलग ठेकेदार होंगे। इन दुकानों को 1 करोड़ 60 लाख रुपए से ऊपर बोली लगाने पर दुकानें आंवटित होगी। ऐसे में अन्य सालों में जहां आवेदन में आबकारी को अच्छी कमाई हुआ करती थी। इस बार ई-बोली और संख्या बढ़ाने के चलते अनुमान लगाया जा रहा हैं, अन्य सालों से कम कमाई विभाग को होगी।
पिछले साल के मुकाबले आवेदन कम मिले हैं। इस बार पांच फेज में ऑनलाइन ई-बोली के माध्यम से दुकानों का आवंटन होगा। पहले फेज के लिए 101 दुकानों की बोली लगेगी। अगले फेज के लिए भी आवेदन आ गए हैं। ऐसे में आंकड़ा बढऩे की उम्मीद है।
मनोज बिस्सा, जिला आबकारी अधिकारी, बूंदी

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