बूंदीPublished: Mar 31, 2020 10:04:28 pm
पंकज जोशी
चिकित्सा विभाग के कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के कार्यों की उस समय पोल खुल गई जब देहीत से महिला स्वास्थ्यकर्ता चार संदिग्ध लोगों की बूंदी सामान्य चिकित्सालय में स्क्रीनिंग कराने आई।
चिकित्सा प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल, स्क्रीनिंग कराने लाए लोगों के जाने की नहीं व्यवस्था
चिकित्सा प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल, स्क्रीनिंग कराने लाए लोगों के जाने की नहीं व्यवस्था
– देहित महिला स्वास्थ्यकर्ता को करनी पड़ गई मशक्कत
बूंदी. चिकित्सा विभाग के कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के कार्यों की उस समय पोल खुल गई जब देहीत से महिला स्वास्थ्यकर्ता चार संदिग्ध लोगों की बूंदी सामान्य चिकित्सालय में स्क्रीनिंग कराने आई। यहां से वापस लौटने के लिए उसे मशक्कत करनी पड़ गई। चिकित्सा प्रशासन की ओर से संतुष्ट जवाब नहीं मिलने पर अन्य लोगों की मदद लेनी पड़ी।
जानकारी के अनुसार तालेड़ा ब्लॉक के देहीत से महिला स्वास्थ्यकर्ता गिरिजा सैनी सोमवार शाम को चार संदिग्ध लोगों की स्क्रीनिंग कराने बूंदी जिला अस्पताल लेकर आई। वह 108 एम्बुलेंस के जरिए बूंदी पहुंची थी, चारों युवक की स्क्रीनिंग कराकर लौटने पर महिला स्वास्थ्यकर्ता को वापस छोडऩे 108 एम्बुलेंस चालक ने मना कर दिया।चालक का कहना था कि उनके पास सिर्फ लाने का आदेश था।ऐसेे में देर रात होते ही उनके सामने घर लौटने का संकट खड़ा हो गया। कुछ देर बाद बूंदी के हाऊसिंग बोर्ड निवासी अभिषेक जैन को महिला स्वास्थयकर्ता ने आपबीती सुनाई।
इस पर जैन ने कंट्रोल रूम पर फोन लगाया तो यहां टालमटोल करते नजर आए। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने एंबुलेंस नहीं होने की बात कहकर सभी को यहीं रुकने को कहा।महिला स्वास्थ्यकर्ता ने बताया कि उन्हें कोई बजट नहीं दिया हुआ। 108 व 104 एम्बुलेंस ने भी कॉल नहीं उठाया। ऐसे में जैन ने स्वयं के निजी खर्चे पर 1200 रुपए देकर सभी को निजी एम्बुलेंस से घर भेजने की व्यवस्था की।