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गुढ़ा बांध की नहरों की शुरू नहीं हुई सफाई, कई जगह पक्की दीवारें हो रही क्षतिग्रस्त

locationबूंदीPublished: Oct 20, 2021 11:08:25 pm

गुढ़ा बांध की दायीं और बायीं मुख्य नहर की सफाई का कार्य जल संसाधन विभाग की ओर से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भी शुरू नहीं करवाया है। जिससे नहरें झाड़ झंकाड़ों से अटी हुई हैं

गुढ़ा बांध की नहरों की शुरू नहीं हुई सफाई, कई जगह पक्की दीवारें हो रही क्षतिग्रस्त

गुढ़ा बांध की नहरों की शुरू नहीं हुई सफाई, कई जगह पक्की दीवारें हो रही क्षतिग्रस्त

गुढ़ा बांध की नहरों की शुरू नहीं हुई सफाई, कई जगह पक्की दीवारें हो रही क्षतिग्रस्त
झाड़ झंकाड़ से अटी है नहरें
हिण्डोली. गुढ़ा बांध की दायीं और बायीं मुख्य नहर की सफाई का कार्य जल संसाधन विभाग की ओर से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भी शुरू नहीं करवाया है। जिससे नहरें झाड़ झंकाड़ों से अटी हुई हैं। कई जगह पर टूट-फूट भी हो रही है। जानकारी के अनुसार इस बार हुई तेज बारिश से यहां पर एक दर्जन माइनरों पर कई जगह पर पक्की दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गई तो कहीं जगह दरक रही है। वहीं कई माइनरों की मिट्टी भी पानी में बह गई। इन दिनों नहरों में झाड़ झंकाड़ बड़ी मात्रा में फंसे हुए हैं। जिससे नहरें तक नजर नहीं आ रही हैं। ऐसे में नहरों की सफाई में समय लगने की संभावना से किसान भी चिंतित है। ग्राम ढगारिया के किसान दर्शन सिंह ने बताया कि माइनरों में झाड़ झंकाड़ इतनी मात्रा में हो रहे हैं कि वहां पर माइनर नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं कई माइनर क्षतिग्रस्त भी हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें ठीक करने में समय लग सकता है। ग्राम चेता के जल उपयोक्ता संगम के अध्यक्ष शिवराम गुर्जर ने बताया कि जल संसाधन विभाग नहरों की सफाई व मरम्मत के लिए मनरेगा पर निर्भर है। जबकि मनरेगा में इतना काम नहीं होता है। नहरों की पर्याप्त सफाई नहीं होने से पानी व्यर्थ जाने की संभावना रहती है। बड़ौदिया के हनुमान माहेश्वरी का कहना है कि यहां पर नहरों की सफाई अभी से शुरू हो ताकि समय पर नहरों में जल प्रभाव हो सके।
नहरों में भरा हुआ है पानी
जानकार किसानों की माने तो गत दिनों हुई बारिश से नहरों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में वहां पानी सूखने के बाद ही सफाई हो पाएगी। जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि नहरों में पानी भरा रहने से साफ सफाई भी प्रभावित होगी।
गुढ़ा बांध की नहर काफी लंबी है। यहां पर 17 माइनर है। इनकी सफाई के लिए मनरेगा से मुख्य कार्यकारी अधिकारी बूंदी को प्रस्ताव भेजे हैं। वहां से स्वीकृति के बाद नहरों की सफाई का कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। जिस जगह पर पक्की नहर टूटी हुई है। उनका काम फ्लड से करवाया जाएगा। जहां उपकरणों की जरूरत पड़ेगी, उसका उपयोग किया जाएगा।
बी एल. मीणा, कनिष्ठ अभियंता जल संसाधन विभाग हिण्डोली।

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