बूंदीPublished: Mar 01, 2021 09:44:32 pm
पंकज जोशी
शहर की सडक़ों पर घूम रहे मवेशी लोगों को घायल कर रहे हैं, लेकिन इनको गोशाला में शिफ्ट नहीं किया जा रहा।
यहां की सड़कों पर इसलिए चलना हो रहा दुभर, पढ़ें पूरी खबर
यहां की सड़कों पर इसलिए चलना हो रहा दुभर, पढ़ें पूरी खबर
मवेशियों को हटाने की नहीं बन रही ठोस योजना
बूंदी जिला मुख्यालय के हाल
झगडऩे से दुकानदारों को उठाना पड़ रहा नुकसान
बूंदी. शहर की सडक़ों पर घूम रहे मवेशी लोगों को घायल कर रहे हैं, लेकिन इनको गोशाला में शिफ्ट नहीं किया जा रहा।
शहर के एक खंबे की छतरी के निकट एक स्कूटी सवार युवक सांड से टकरा गया। यहां यह पहला अवसर नहीं जब दुर्घटना हुई हों। बड़ी संख्या में मवेशियों के जमा रहने से कई हादसे हो चुके। यही नहीं मवेशियों के आपस में झगडऩे से आस-पास के दुकानदारों की जान सांसत में बनी रहने लग गई। इस बार में कई बार जिम्मेदारों के सामने आवाज उठाई, लेकिन कोई नहीं सुन रहा। जबकि शहर में लगातार यह समस्या बढ़ती ही जा रही। मवेशियों से सर्वाधिक परेशानी प्रमुख चौराहों और संकरी गलियों में हो रही, जिनमें स्कूली बच्चे आते और जाते इनकी मार से घायल हो रहे। अब जब नगर परिषद में नए बोर्ड का गठन हो गया तसे शहर की इस बड़ी समस्या का समाधान भी होना चाहिए।
कब हटेंगे सडक़ों से
शहर में आवारा मवेशियों के कारण आए दिन हो रहे हादसे के बाद इन्हें हटाए जाने की बात अब हर तरफ से उठ रही। लोगों का कहना है कि स्थानीय निकाय इसके लिए ठोस योजना बनाएं। जो मवेशी सडक़ों पर दौड़ रहे उन्हें गोशाला में शिफ्ट कराएं।
कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं
आवारा मवेशियों की समस्या दूर करने के लिए नगर परिषद की सभापति मधु नुवाल ने शहर और आस-पास की गोशालाओं का जायजा तो लिया था, लेकिन अभी कोई निर्णय धरातल पर नहीं उतर पाया। जानकार सूत्रों ने बताया कि नई गोशाला और नंदी शाला बनने के बाद ही इसका स्थायी समाधान होगा।
शहर में करीब एक से डेढ़ हजार मवेशी
शहर में एक हजार से अधिक मवेशी सड़कों पर छोड़े जा रहे। इनमें से कई ऐसे मवेशी भी बताए जिन्हें लोग दूध निकालने के बाद यों ही सड़कों पर छोड़ रहे।
मवेशी भी हो रहे घायल
सडक़ों पर गोवंश से टकराकर आम आदमी तो चोटिल हो ही रहे, साथ ही मवेशी भी गंभीर घायल हो रहे। कई के तो वाहनों की टक्कर से पैर तक टूट चुके। पशु चिकित्सालय में गोवंश की सेवा कर रहे लोगों की माने तो अभी सौ से अधिक ऐसे मवेशी बताए जो वाहनों की टक्कर से घायल हो गए। इन लोगों का कहना है कि प्रशासन जल्द ऐसी गोशाला बनाए जिनमें घायल गोवंश को भी रखा जा सके।
दर्जनों लोग हो चुके घायल, कई वाहनों में टूट-फूट
आवारा मवेशियों की धमाचौकड़ी और रात के समय सडक़ों पर वाहनों की रोशनी में दिखाई नहीं देने के चलते शहर में सैकड़ों लोग घायल हो चुके। लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान आवारा मवेशियों की लड़ाई में होता है। शहर में कई क्षेत्र जिनमें एक खंबे की छतरी, कोटा रोड, सब्जी मंडी रोड, सूर्यमल्ल मिश्रण चौराहा, लंकागेट चौराहा, माटूंदा रोड, खोजागेट रोड आदि क्षेत्र ऐसे हैं जहां आवारा मवेशियों की लड़ाई होती देख वहां के रहवासी अपने दोपहिया वाहनों तक को हटा लेते हैं। ऐसा इसलिए कि पूर्व में इन मवेशियों की धमाचौकड़ी में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
सडक़ों पर जमा गोवंश को हटाने के लिए नगर परिषद ठोस योजना बनाएं। इनके आए दिन झगडऩे से कई दुकानदारों का नुकसान हो चुका। कई जने घायल हो चुके। बाजारों से गोवंश तुरंत हटें।
कमल सखूजा, व्यापारी
सडक़ों पर जमा गोवंश का आतंक लगातार बढ़ रहा। रोज सौ से पांच सौ रुपए तक का नुकसान करा रहे हैं। नजर चूकते ही ठेले पर झपट पड़ते हैं। इनसे टकराकर कई जने घायल तक हो चुके।
मनोज सैनी, ठेला व्यवसायी