25 फीसदी मध्यप्रदेश से आ रहा धान
कृषि उपज मंडी में धान के दामों की अच्छी पेठ होने के चलते मध्यप्रदेश के कई जिलों से किसान यहां ट्रकों में भरकर धान बेचने आ रहे हैं, लेकिन यहां मध्यप्रदेश से आने वाले किसानों को अच्छे दाम मिलने के चक्कर में कई घण्टों जाम में फंसे रहकर धक्के खाने पड़ रहे हैं।
खरीद के अनुरूप नहीं हो रहा लदान
वर्तमान में मंडी में हो रही माल की बम्पर आवक के चलते खरीद किए गए माल का लदान रोजाना नहीं हो पा रहा। मंडी प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते यहां खरीद करने वाले व्यापारी क्षमता से अधिक खरीद करके माल को प्लेटफार्म व यार्ड में ही छोड़ देते हैं। कई व्यापारी मनमर्जी से खरीद किए माल का दूसरे दिन प्लेटफार्म से लदान करवाते हैं और इसी का नतीजा रहता है कि मंडी में माल लेकर आने वाले किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों को मंडी प्रशासन मुख्य गेट के बाहर खड़ा करवाकर जाम के हालात पैदा करवा रहा है।
मंडी सडक़ से गांव वाले परेशान
मंडी में माल बेचने आने वाले किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों की कतार मंडी गेट से भैरूजी का बरडा के आगे तक दोनों सडक़ों पर लगने के बाद बूंदी से दौलाड़ा, शिवशक्ति का खेड़ा, बलदेवपुरा, बागदा, जालेड़ा आदि गांवों में जाने वाले लोग जाम में फंस जाते हैं। ग्रामीणों ने कई बार मंडी प्रशासन से गांव में जाने वाली सडक़ पर वाहन खड़े नहीं कराने की मांग की है।
भोजन के लिए घण्टों कतार में
मंडी में माल बेचने आ रहे किसानों को आपणी रसोई में भोजन करने के लिए परेशान हो रहे हैं। मंडी प्रशासन द्वारा वर्तमान हालातों को देखते हुए किसानों की तादाद के अनुरूप टोकन काटने की व्यवस्था नहीं कर रखी। ना ही रसोई में तय समय के अनुसार भोजन की शुरुआत हो रही। ऐसे में यहां किसान भोजन का टोकन लेने के लिए ही कई घण्टों कतार में खड़े रहने के बाद उनका नम्बर आ रहा है। उधर जिला प्रशासन का मंडी की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं है। जिसके चलते मंडी सचिव द्वारा बार बार मंडी में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होने की बात कही जा रही है।