बूंदीPublished: Aug 12, 2020 06:42:59 pm
पंकज जोशी
नगरपालिका प्रशासन ने सोमवार से रियासतकालीन धरोहर नैनवां के किले के अन्दर की सफाई कराना शुरू किया है।
रियासतकालीन धरोहर नैनवां के किले की कराई सफाई
रियासतकालीन धरोहर नैनवां के किले की कराई सफाई
पालिकाध्यक्ष पचास कर्मचारियों को साथ लेकर पहुंची सफाई करानेे, तीन घंटे चला अभियान
नैनवां. नगरपालिका प्रशासन ने सोमवार से रियासतकालीन धरोहर नैनवां के किले के अन्दर की सफाई कराना शुरू किया है। नगरपालिकाध्यक्ष मधुकंवर पचास से अधिक सफाई कर्मचारियों को साथ लेकर किले के अन्दर जमा कूड़े करकट व झाड़ झंखाड़ को साफ कराने पहुंची। किले की कई वर्षों से कोई सुध नहीं ले रहा था। जिससे किले के अन्दर सीढिय़ों व अन्य स्थानों पर जगह-जगह गंदगी का अम्बार लगा मिला तो वहीं छतों, दीवारों व चौक में पेड़ों व झाड़-झंखाड़ उगे मिले। महल के अन्दर हो रही पेवड़ी के पक्केरंगों की बूंदी शैली के मनोहारी भित्ती चित्रों को सरंक्षण नहीं मिलने से नष्ट होती जा रही है। दीवारों,छतों व ताकों में विख्यात बूंदी शैली की कलात्मक व मनोहारी भित्ती चित्र उकर रहे है। इन चित्रों में राम-कृष्ण की गाथावलियों में राम, लक्ष्मण, सीता को नदी पार कराता केवट, मधुवन में सखियों के संग नृतय करती राधिका, माता-पिता को कावड़ में बैठाकर ले जाता श्रवणकुमार के अलावा परियों, विभिन्न प्रकार की वनस्पति, पक्षियों का चित्रांकन भी धूल ग्रसित मिले। सफाई कमिर्यो ने पहले बारहदरी की सफाई की, उसके बाद दूसरे व तीसरे खंड की सफाई की। सफाई के बाद किले की दीवारे व छतें दमकने लग गई।
बदहाली के आंसू बहा रहा
संरक्षण नहीं मिल पाने से किला बदहाली के आंसू बहाता नजर आया। किले में स्थित भगवान रंगनाथ का पुराना गर्भगृह क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। खुले हिस्से का तीन चौथाई हिस्सा धराशायी होता जा रहा। महल के अन्दर नीचे के हिस्से में जहां पर रियासत काल मेें कचहरी चलती थी। महल के दक्षिण दिशा की तीसरी मंजिल में स्थित कक्ष में चित्रकारी से भरा होने से उसे अभी भी चित्रशाला के नाम से जाना जाता है। जिसमें अधिकांश चित्रों पर दीमक लगी हुई है तो बीच के खंड में भी दीवारों के साथ ताकों में भी हो रही चित्रकारी खुरच रखी है। जिससे चित्रों का स्वरूप ही बिगड़ता जा रहा है। उत्तर की ओर स्थित के खंड को हवा महल के नाम से जाना जाता है जो शिल्प कला का बेजोड़ नमूना बना हुआ है। खम्भों व दीवारों पर कौड़ी के चूने का प्लास्टर होने से आज भी दमक रहे हैं। महल के बाहर की दीवारों का प्लास्टर उखड़ जाने से क्षतिग्रस्त होती जा रही है।
पालिकाध्यक्ष का कहना
नगरपालिका अध्यक्ष मधुकंवर ने बताया कि नैनवां का रियासतकालीन किला हमारी धरोहर है। इस धरोहर की कोई सुध नहीं ले रहा। किले की सारसंभाल कराने के लिए पुरातत्व विभाग व जिला कलक्टर को कई बार लिखा जा चुका लेकिन कोई सुध लेने के लिए आगे नहीं आया तो अगस्त क्रांति सप्ताह के तहत नैनवां किले के अन्दर की सफाई कराने का निर्णय किया है। सोमवार से सफाई कार्य शुरु करवा दिया। सोमवार को कराई सफाई में किले में तीन ट्रॉली कचरा निकाला है।