सोमवार को छात्र के अधिवक्ता के द्वारा विश्वविद्यालय के अधिवक्ता को याचिका की प्रति सौंपने के बाद से ही विश्वविद्यालय के अधिवक्ता भी इस मामले के निस्तारण में लगे हुए थे। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई से पहले ही बीएड परीक्षा आयोजित कर रहे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के अधिवक्ता आर ए कट्टा ने याचिकाकर्ता नेत्रहीन छात्र के अधिवक्ता से वार्ता की।
दोनों अधिवक्ताओं के बीच मामले के मानवीय व विधिक बिन्दुओं पर आपसी चर्चा भी हुई। विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से मानवीय आधार पर नेत्रहीन छात्र को बीएड परीक्षा की अनुमति देने पर सहमति जताई। दोपहर को लंच के बाद न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल की न्यायालय में याचिकाकर्ता नेत्रहीन छात्र के अधिवक्ता ने विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही कार्रवाई पर संतोष जताया। न्यायालय ने 3 जुलाई को परीक्षा के बाद अगले सप्ताह फिर से मामले की सुनवाई रखी है।
कलक्टर जयपाल ने भी किए लगातार प्रयास
कांग्रेस नेता शर्मा ने इस मामले में पीडि़त नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी और उसके दूसरे नेत्रहीन भाई जतिन दौलतानी के साथ जिला कलक्टर रेणु जयपाल से मिलकर मदद का आग्रह किया था। दोनों नेत्रहीन भाइयों को देखकर और रोहित की पीड़ा सुनकर जिला कलक्टर स्वयं भावुक हो गई थी और उन्होंने लगभग एक घंटे तक विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों से वार्ता कर छात्र को परीक्षा की अनुमति देने की अपील की थी। जिला कलक्टर उसके बाद भी लगातार इस मामले में नेत्रहीन छात्र की सहायता के लिए प्रयास कर रही थी।