जिला कलक्टर ने ग्रामीणों का आह्वान किया कि वह आपसी मनमुटाव मिटाकर एक साथ ग्राम विकास के लिए काम करें। बच्चों को शिक्षा अवश्य दिलाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षित होंगे तो रोजगार के अनेक अवसर मिलेंगे। शिक्षित युवाओं को उनके कौशल एवं रुचि के अनुरूप प्रशिक्षण दिलवाए जा सकें, ताकि वह प्रदेश सरकार की योजनाओं में लाभान्वित हो सके। जीविकोपार्जन कर सकें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन स्तर पर हर संभव प्रयास किए जाएंगे। एडीएम एयू खान ने कहा कि ग्रामीण जन एकजुटता से रहें और विकास के पथ पर आगे बढ़े। सीइओ मुरलीधर प्रतिहार ने कहा कि गांव में विकास कार्य पहले से ही चल रहे। ग्रामीणों के सहयोग से उनके कौशल और रुचि के अनुसार भी कार्य शुरू कराएंगे। उपखंड अधिकारी कमल कुमार मीणा ने शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। बूंदी डिप्टी हेमंत नोगिया ने भी संबोधित किया।
समस्याएं जानने के लिए दिया साधुवाद
बैठक में स्वयंसेवी संस्था बचपन बचाओ के प्रतिनिधि वरूण ने बताया कि किस तरह प्रशिक्षण और क्षमतावर्धन गतिविधियों से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। समाजसेवी के.सी. वर्मा ने कहा कि समाज के पढ़े-लिखे युवक- युवतियों को बेहतर भविष्य निर्माण के लिए आगे आना चाहिए। सरपंच बबीता भी मौजूद रही। मुकेश मेघवाल, ग्रामवासी बालक दास, बीबूलाल एवं अन्य ने गांव के विकास के लिए सुझाव रखे। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारियों के गांव में आगमन एवं ग्रामीणों की समस्याएं जानने के लिए साधुवाद दिया।
मॉडल खेल मैदान बनाएंगे
बाल कल्याण समिति के सदस्य छुट्टन लाल शर्मा ने बताया कि इस गांव में श्रेष्ठ खेल प्रतिभाएं हैं, जिन्हें सुविधाएं एवं अवसर मिलने चाहिए। इस पर जिला कलक्टर ने खेल प्रतिभाओं को चिह्नित कर उन्हें आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिलवाने की बात कही। विकास अधिकारी जगजीवन ने कहा कि इस गांव में खेल प्रतिभाओं के विकास के लिए मॉडल खेल मैदान तैयार कराया जाएगा।
यह भी आए सुझाव
बैठक में मुख्य रूप से छात्रावास, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोचिंग की व्यवस्था, पर्याप्त पुलिस स्टाफ, विद्यालय में अतिरिक्त शिक्षक, रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण इत्यादि के सुझाव रखे गए। बैठक में तहसीलदार, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी, बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि एवं अन्य मौजूद रहे।