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दगा दे गया मानसून, फसलों को बचाना हुआ मुश्किल

locationबूंदीPublished: Sep 19, 2020 06:38:36 pm

मानसून के कमजोर रहने के बाद अब फसलों को बचाना मुश्किल हो गया। सिंचित क्षेत्र में चम्बल की नहरों में पानी तो छोड़ा गया, लेकिन जिस गति से पानी आगे बढ़ रहा इसके भरोसे कई खेतों में फसलों को जीवनदान मिलना मुश्किल हो गया।

दगा दे गया मानसून, फसलों को बचाना हुआ मुश्किल

दगा दे गया मानसून, फसलों को बचाना हुआ मुश्किल

दगा दे गया मानसून, फसलों को बचाना हुआ मुश्किल
नहरों में पानी छोडऩे से हेड पर राहत, टेल पर पसर रहा सन्नाटा
बूंदी. मानसून के कमजोर रहने के बाद अब फसलों को बचाना मुश्किल हो गया। सिंचित क्षेत्र में चम्बल की नहरों में पानी तो छोड़ा गया, लेकिन जिस गति से पानी आगे बढ़ रहा इसके भरोसे कई खेतों में फसलों को जीवनदान मिलना मुश्किल हो गया। सर्वाधिक संकट मक्का एवं सोयाबीन की फसलों पर मंडरा रहा। काश्तकारों की माने तो इस बार खेती घाटे का सौदा साबित हो रही।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बूंदी जिले में इस बार मानसून शुरुआत से ही कमजोर रहा। डीजल इंजन के भरोसे बुवाई की। किसानों को अच्छी बारिश की उम्मीद थी, लेकिन मानसून ने साथ नहीं दिया। फिर सूर्यदेव के तीखे तेवर ने तो मानों किसानों के अरमानों पर पानी फैर दिया। किसानों ने बताया कि बीते वर्ष अतिवृष्टि ने फसलों को बर्बाद करके रख दिया था। इस बार अल्पवृष्टि के चलते किसानों के हाथों से साख फिसल रही। हालांकि चम्बल की नहरों में पानी छोड़ा जाने से हेड के किसानों को कुछ राहत महसूस की, लेकिन टेल की फसलों को बचाना मुश्किल होगा। किसान रामलाल सैनी, मदनगोपाल माली ने बताया कि अब फसलों को मानसून के भरोसे बचाना मुश्किल हो गया। इस बार मानसून ने काश्तकारों का पूरा साथ नहीं दिया। नष्ट होती फसलों को देखकर किसानों से सर्वे कराने की भी मांग उठाई।


सूखती फसलों को देख किसान चिंतित
कापरेन . सीएडी प्रसाशन द्वारा किसान की मांग पर नहरों में जल प्रवाह शुरू कर दिया है, लेकिन जल प्रवाह शुरू होने के दो दिन बाद भी कापरेन ब्रांच मुख्य नहर में कापरेन तक पानी नही पहुंचा है। पानी के अभाव में किसान बेबस नजर आ रहे हैं। पकने से पहले ही सूख रही फसल को बचाने का उनके पास कोई उपाय नजर नही आ रहा हैं। नहरों में जल प्रवाह शुरू होने से क्षेत्र के किसानों को फसल बचने की उम्मीद हैं। क्षेत्र के किसानों ने नहरी पानी की मांग और स्थिति को देखते हुए फसल बचाने के लिए पानी पहुचने से पहले ही डीजल इंजन लगाकर रख दिये हैं। किसानों का कहना है कि सभी किसानों को पानी की सख्त आवश्यकता है ।
वही प्रसाशन द्वारा नहरों में पूरी क्षमता के अनुसार जल प्रवाह नही किया जा रहा हैं। ऐसे में आउटलेट तक पानी पहुचना मुश्किल है। जिसे देखते हुए किसान ईंजन आदि से पानी लेकर फसलों को बचाने का जतन करने में जुटे हुए है। किसानों ने प्रसाशन से जल स्तर बढाने और ओहडे,बंधे आदि हटवाने के साथ ही प्रभावी मॉनीटरिंग कर टेल तक पानी पहुचाने की मांग की है।

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