सावन माह में जमकर बरसेंगे बदरा
इस बार सावन मास में जमकर बारिश होगी। सावन माह की शुरुआत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र वैधृति योग और कौलव करण प्रतिपदा तिथि होने से अभी फलदायक वन सोमवार रहेगा। इस दिन भगवान शिव तत्व की साधना, आराधना, पूजा, व्रत मंगलकारी और अनिष्ट विनाशक सिद्ध होगा। यह पंचागीय संयोग में शिव पूजा के साथ लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा-अर्चना करना भी विशेष फलदाई रहेगी। मकर का चंद्रमा मेष राशि वालों के लिए विशेष शुभ तथा मिथुन, तुला और धनु राशि वालों के लिए थोड़ा कठिन प्रद रहेगा। शेष राशि वालों के लिए प्रथम वन सोमवार साधारण रहेगा। शिव पूजा से सर्वत्र लाभ-विजयश्री की प्राप्ति होगी।
शुभ संकेत
इस साल श्रावण मास में पांच सोमवार होंगे। यह भगवान शिव की पूजा- पाठ के हिसाब से शुभ संकेत देने वाले हैं। इससे एक दिन पहले 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है। यह भगवान शिव का बहुत ही प्रिय महीना होता है। 6 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। सावन के महीने में भगवान शिव को हर दिन जलाभिषेक करने और उनकी पूजा का विधान होता है। ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीर सागर में निद्रा के लिए चले जाते हैं, तब सृष्टि का भार भगवान शंकर अपने कंधों पर उठा लेते हैं। 6 जुलाई से सावन का महीना आरंभ होगा और 3 अगस्त को सावन का अंतिम दिन होगा।